उत्तराखंड ऋषिकेशRishikesh River Rafting Service Has Been Closed For Two Months

Uttarakhand News: ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग बारिश थमने तक स्थगित, 2 महीने बाद इस दिन से फिर होगी शुरू

उत्तराखंड में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिसके चलते हर साल की तरह दो माह के लिए राफ्टिंग बंद कर दी गई है।

Rishikesh River Rafting: Rishikesh River Rafting Service Has Been Closed For Two Months
Image: Rishikesh River Rafting Service Has Been Closed For Two Months (Source: Social Media)

ऋषिकेश: एक जुलाई से रिवर राफ्टिंग दो महीने के लिए यानी जुलाई और अगस्त के लिए बंद हो गई है। अब सीधे एक सितम्बर से दोबारा रोमांच का मजा लेने वालों के लिए रिवर राफ्टिंग शुरू हो जाएगी।

Rishikesh River Rafting Service Has Been Closed For Two Months

प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक जुलाई से राफ्टिंग सेवा बंद कर दी गई है भले ही ये खबर रोमांच का मज़ा लेने वालों को निराश करेगी पर उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुई ये नीतियां बनाई गई हैं। इन दो महीनों में पहाड़ों पर भारी वर्षा के कारण नदियाँ उफान मारने लगती है जिससे नदियों में दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। नदी के जलस्तर को देखते हुए 30 अगस्त तक कौड़ियाला, मरीन ड्राइव, शिवपुरी, ब्रह्मपुरी और क्लब हाउस से रिवर राफ्टिंग का संचालन बंद कर दिया जाता है। अब अगले सीजन के लिए दो महीने के बाद एक सितम्बर से राफ्टिंग सेवा शुरू कर दी जाएगी। इसकी आधिकारिक घोषणा गंगा नदी रिवर राफ्टिंग समिति के साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी द्वारा किया गया। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि नियमों का उल्‍लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चार लाख से अधिक पर्यटकों ने उठाये राफ्टिंग के लुफ्त

पर्यटन के लिहाज से राफ्टिंग मुख्यतः स्थानीय रोजगार का एक अच्छा माध्यम है, ऋषिकेश में राफ्टिंग लगभग तीस साल पहले शुरू हुई थी और अब यह देशभर में प्रख्यात है। हर वर्ष यहाँ लाखों पर्यटक राफ्टिंग करने आते हैं। इस सीजन में लगभग सवा चार लाख पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुफ्त उठाया। जिसके चलते स्थानीय कारोबारियों को जमकर मुनाफा हुआ है। वर्तमान में ढाई सौ से अधिक कंपनियों की लगभग साढ़े छह सौ राफ्ट संचालित हो रही हैं। करीब 10 हजार लोग सीधे और इससे अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और अपनी जीविका चला रहे हैं।