उत्तराखंड ऋषिकेशRishikesh Karnaprayag Rail Line Project will Start From 2025

Uttarakhand: अगले साल से दौड़ने लगेगी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ट्रेन, डेढ़ घंटे में पूरा होगा 125 किमी का सफर

पीएम मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना को लेकर अच्छी खबर आई है। रेल निदेशक अजीत सिंह यादव ने बताया 2025 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट का पूरा काम कर लिया जाएगा।

Rishikesh-Karnprayag Train: Rishikesh Karnaprayag Rail Line Project will Start From 2025
Image: Rishikesh Karnaprayag Rail Line Project will Start From 2025 (Source: Social Media)

ऋषिकेश: Rishikesh-Karnprayag Rail Line का काम 70 फीसदी पूरा गया है, सार्वजनिक उपक्रम की रिपोर्ट के अनुसार 125 किलोमीटर की दूरी ट्रेन से डेढ़ से दो घंटे में पूर्ण होगी।

Rishikesh Karnaprayag Rail Line Project will Start From 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट वर्ष 2025 तक पूरा करने का दावा रेल विकास निगम ने किया है। 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर लगातार कार्य तेजी से चल रहा है और अब तक 104 किलोमीटर लंबी सुरंग में से 70 किलोमीटर की सुरंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। रेलवे ने दावा किया है कि सड़क परिवहन की अपेक्षा ट्रेन से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का सफर आधे समय में पूरा होगा और इससे हर साल 20 करोड़ रुपये ईंधन की बचत होगी। साथ ही यह पहाड़ों के पर्यावरण को बचाने में मददगार साबित होगी, जिससे उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहेगी।

यात्रा सीजन में चार फेरे लगाएगी ट्रेन

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को 99 साल के लिए डिजाइन तैयार किया गया है। सामान्य दिनों में ट्रैन दो फेरे लगाएंगी जबकि यात्रा सीजन के दौरान यात्रियों की सुगमता के लिए ट्रैन चार फेरे लगाएगी। वर्तमान में सड़क परिवहन (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58) से दोनों शहरों की दूरी नापने में 4.45 से पांच घंटे लगते हैं, लेकिन 125 किलोमीटर की दूरी ट्रेन से डेढ़ से दो घंटे में पूरी होगी।

प्रदेशवासियों को मिलेगा स्थाई रोजगार

बेरोजगारी से जूझते हुए प्रदेश में स्थानीय युवाओं के लिए रेलवे स्थाई रोजगार भी देगी। रिपोर्ट के अनुसार रेल लाइन की मरम्मत व रखरखाव के लिए 450 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। वर्तमान में रेल लाइन निर्माण में 6400 कामगार लगे हुए हैं। उत्तराखंड के दोनों शहरों के बीच पर्यटन, बाजार, ट्रांसपोटेशन 1800 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना होगी।