उत्तराखंड रुद्रप्रयागBhaikunt Bhairav Doors Open for Pilgrims

केदारनाथ: बाबा भैरवनाथ के द्वार भी भक्तों के लिए खुले, अब शुरू होगी धाम में सांय की आरती

केदारनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक कहे जाने वाले बाबा भैरवनाथ के कपाट खुल गए हैं। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा विधि-विधान के साथ भैरवनाथ के कपाट खोले गए।

Baba Bhairavnath: Bhaikunt Bhairav Doors Open for Pilgrims
Image: Bhaikunt Bhairav Doors Open for Pilgrims (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: शुक्रवार को विश्व विख्यात केदार नाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चयात आज शनिवार 11 मई को केदारनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक भगवान भैरव नाथ जी के कपाट भी विधिवत ढंग से खोल दिए गए हैं। भगवान भैरवनाथ जी के कपाट खुलने के पश्चात अब से हर दिन सांय पहर में केदार बाबा की आरती की जाएगी और बाबा को भोग भी लगाया जाएगा।

Bhaikunt Bhairav Doors Open for Pilgrims

बाबा भैरव नाथ की पूजा क्षेत्ररक्षण के रूप में रूप में की जाती है। आदिकाल से ही यह परंपरा चली आ रही है कि भगवान भैरवनाथ जी के कपाट खुलने के बाद ही केदारनाथ धाम में आरती की जाती है और बाबा केदार को भोग लगता है। मान्यता है कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद समस्त केदार नगरी की रक्षा बाबा भैरवनाथ जी करते हैं। बाबा भैरव नाथ के दर्शन के बिना केदारनाथ की पूजा अधूरी मानी जाती है। माना जाता है कि भैरवनाथ की पूजा किए बिना श्रदालुओं को केदार नाथ बाबा की पूजा का फल नहीं मिलता है। भैरवनाथ का मंदिर केदारनाथ धाम से आधा किमी की दूरी पर स्थित है। जो भक्त बाबा केदार के दर्शनों को आते हैं, वो भैरवनाथ के दर्शन भी जरूर करते हैं।
जब तक भैरवनाथ बाबा के कपाट नहीं खुलते हैं तब तक केदार बाबा की आरती नहीं की जाती है और ना ही केदार बाबा को भोग लगाया जाता है। मान्यता है की भगवान भैरव नाथ जी के कपाट मंगलवार या शनिवार को ही खोले जाते हैं। केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 10 में को अक्षय तृतीया पर खोले गए थे। इसके बाद आज शनिवार को क्षेत्र रक्षण बाबा भैरवनाथ के कपाट भी खोल दिए गए हैं। बाबा भैरवनाथ के कपाट खुलने के बाद आज सांय से श्रदालु केदारनाथ बाबा के साथ ही बाबा भैरवनाथ के दर्शन भी कर पाएंगे।