उत्तराखंड उत्तरकाशीMinor 12th Class Student Dies In Road Accident in Uttarakhand

Uttrakhand: शादी से लौट रहे युवक की दर्दनाक एक्सीडेंट में मौत,बोर्ड के रिजल्ट्स का था इंतजार

गाँव से शादी समारोह संपन्न होकर वापस लौटते समय उत्तरकाशी के 17 वर्षीय युवक की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मृत्यु हो गई, मृतक कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी था।

Road Accident in Uttarkashi: Minor 12th Class Student Dies In Road Accident in Uttarakhand
Image: Minor 12th Class Student Dies In Road Accident in Uttarakhand (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: कल शाम बाढ़वाला-जुड्डो मोटर मार्ग पर चीलियो गांव के पास सड़क हादसे में 12वीं कक्षा के नाबालिग छात्र की मौत हो गई, छात्र की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।

Minor 12th Class Student Dies In Road Accident in Uttarakhand

प्रदेश में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं इसे चालक की लापरवाही कहें या सरकार की अवव्यस्था। कई बार तो चालक की लापरवाही के चलते दुर्घटना होती है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि सरकार की लापरवाही, जैसे सड़क के गड्ढों को न भरवाना या सड़क के ठीक रखरखाव ना होना आदि। अगर इन कारणों से कोई दुर्घटना होती है तो निश्चित ही सरकार इसके जिम्मेदार है, जिसपर उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए।

शादी से शामिल होकर लौट रहा था युवक

कोतवाली प्रभारी राजेश साह ने बताया कि चकराता तहसील के घणता गांव निवासी आयुष तोमर उम्र 17 साल पुत्र रणवीर सिंह जीआईसी डामठा (उत्तरकाशी) में इंटर का छात्र था। 23 अप्रैल को वह शादी में शामिल होने अपने गाँव गया था। बीते गुरूवार को वह गाँव से बाइक पर अपने दोस्त के साथ वापस हरिद्वार चाचा के घर आ रहा था। जानकारी के मुताबिक लगभग 11:30 बजे चीलियो गांव के समीप बाइक अनियंत्रित होकर रपट गई और पैराफिट से जा टकराई जिससे उसपर गंभीर चोट लगी और साथ में पीछे बैठा हुआ दोस्त पहले ही छटक गया था जिस कारण उसे चोट नहीं लगी। गंभीर रूप से घायल आयुष तोमर को उप जिला अस्पताल विकासनगर ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

कबड्डी का खिलाडी था आयुष

ग्रामीण अतर सिंह ने बताया कि आयुष तोमर अपने सात भाई बहनों में सबसे छोटा होने के कारण सबका लाडला था। 12वीं की परीक्षा देने के बाद से वह अपने चाचा के यहां हरिद्वार में रह रहा था और उसे अपने रिजल्ट आने का इंतज़ार था। वह सबसे मिलजुकर रहता था और कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी भी था। शुक्रवार को उनके पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। मौत की खबर से गाँव मैं शौक की लहर दौड़ पड़ी और परिजनों का रो-रोकर बुरे हाल हैं।