उत्तराखंड देहरादूनLok Sabha Elections Boycott by Voters in these places

Lok Sabha Elections: सूने पड़े हैं उत्तराखंड के ये बूथ, वोट डालने ही नहीं पहुंचे ग्रामीण

उत्तराखंड के कई जिलों में लोगों ने लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार किया है। साथ ही लोग अपनी मांगों पर अडिग हैं, वहीं लोग शासन-प्रशासन के अधिकारियों की अपील को भी नहीं मान रहे हैं। इसलिए कई मतदान केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

Lok Sabha Elections 2024: Lok Sabha Elections Boycott by Voters in these places
Image: Lok Sabha Elections Boycott by Voters in these places (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में एक ओर मतदान के लिए लोगों का गजब का उत्साह दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर कई गांवों के लोगों ने सुविधाओं से वंचित होने के बाद चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है।

Lok Sabha Elections Boycott by Voters in these places

मतदान बहिष्कार के चलते प्रदेश के कई पोलिंग बूथों पर सन्नाटा छाया हुआ है। सुबह से मतदान केंद्र में लोग वोट डालने के लिए अभी तक नहीं पहुंचे हैं। जिसके चलते कई जगह शासन-प्रशासन के अधिकारी लोगों को वोट देने के लिए अपील कर रहे हैं। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि निर्वाचन द्वारा इन लोगों को मनाने का काम लंबे समय से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मतदान ना करना किसी समस्या का समाधान नहीं है और मतदान 5 बजे तक जारी रहेगा। इन लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने की कोशिश लगातार जारी है।

रुद्रपुर में मतदान बहिष्कार

यूएसनगर के दिनेशपुर और रुद्रपुर थाना क्षेत्र स्थित अर्जुनपुर और गूलरभोज हरिपुर जलासाय, कोपा लालसिंह, मुनस्यारी सहित कई गावों के लोग रोड़ नहीं तो वोट नहीं के चलते मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। सुबह 11 बजे तक अर्जुनपुर में 12 सौ ग्रामीणों में से 30 ही वोट पड़े हैं। जबकि बौर जलाशय के पार पांच गावों के लिए बनाए गए बूथ पर लोग मतदान के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।

काशीपुर में मतदान का बहिष्कार

गदरपुर के हरिपुरा जलाशय के पार गदरपुर विधानसभा के गुलरभोज के निकटवर्ती कोपा बसंता में भी ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार किया जा रहा है। उनका कहना है कि सड़क की हालात ऐसी यही कि बरसात में गड्ढे बन जाते हैं, ना कोई स्वास्थ्य सुविधा है। उनके आने जाने का एकमात्र सहारा नाव है, जिससे वो मार्केट आते जाते हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.

मसूरी में मतदान बहिष्कार

मसूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोटीदार कपलानी में करीब सात गांव के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने भी अपने गाँव के लिए लम्बे समय से रोड निर्माण की मांग की है लेकिन वन विभाग द्वारा रोड निर्माण की अनुमति न दिए जाने के कारण गांव की रोड नहीं बन पा रही है। जिस वजह से लोग परेशान हैं और पलायन कर रहे है। इससे लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं की बात कही। उन्होंने बताया कि मोटीदार, पटरानी, डोंग लोहड़ीगढ़ आदि गांव के लोग ने अपने मतदान का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. सुबह से मात्र पांच लोगों ने वोट डाला है।

पिथौराढ़ में मतदान बहिष्कार

यहाँ 3 गांवों में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था, जो अपनी मांगों पर अडिग हैं। पिथौरागढ़ विधानसभा के क्वीतड़, जमतड़ी और क्वारबन बूथ पर अब तक वोट नहीं पड़ा है, यहाँ कुल 720 मतदाता हैं। ग्रामीण लंबे समय से रोड की मांग कर रहे थे. इसलिए उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है। वहीं गंगोलीहाट विधानसभा के बूथ संख्या 80 राजकीय प्राथमिक विद्यालय बनकोट में ग्रामीणों ने मतदान के बहिष्कार किया।

थराली में मतदान बहिष्कार

थराली विधानसभा में भी आधे दिन तक 25 प्रतिशत मतदान के साथ मतदान केंद्रों पर लगातार वोटिंग जारी है। वहीं थराली तहसील के देवराड़ा समेत भेटा वार्ड में नगर पंचायत से वार्ड को हटाने की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं देवराडा बूथ पर आधे दिन तक भी एक भी वोट नहीं पड़ा। देवाल के बलाण और पिनाउ में भी सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लोकसभा चुनाव के बहिष्कार पर अड़े हैं।