उत्तराखंड देहरादून15 year old government vehicles will scrapped in Uttarakhand

उत्तराखंड में कबाड़ हो जाएंगी 15 साल पुरानी ये गाड़ियां, नई गाड़ी की लेने पर भारी डिस्काउंट

15 साल वाली शर्त फिलहाल प्राइवेट वाहनों के लिए लागू नहीं है, फिटनेस होने तक वो चलते रहेंगे।

Car scrap policy Uttarakhand: 15 year old government vehicles will scrapped in Uttarakhand
Image: 15 year old government vehicles will scrapped in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में 15 साल की आयु पूरी कर चुके सरकारी वाहनों का अब रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। वो कबाड़ मान लिए जाएंगे।

15 year old govt vehicles will scrapped in Uttarakhand

सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में स्क्रैप नीति को लागू कर दिया गया। स्क्रैप पॉलिसी के तहत कामर्शियल और निजी वाहनों के स्क्रैप कराने वालों को टैक्स छूट दी जाएगी। 15 साल वाली शर्त फिलहाल प्राईवेट वाहनों के लिए लागू नहीं है, फिटनेस होने तक वो चलते रहेंगे। केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लागू की है। उसके मानकों को राज्य ने भी लागू करने का निर्णय किया है। इसके तहत 15 साल पुराने सरकारी वाहन अब कबाड़ की श्रेणी में आएंगे। नई गाड़ी की खरीद पर डिस्काउंट भी मिलेगा। कमर्शियल प्राइवेट वाहन को स्क्रैप कराने के बाद नया वाहन खरीदने वालों को टैक्स में 25 प्रतिशत तक रियायत मिलेगी। इस रियायत की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तक होगी।

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स्क्रैप पॉलिसी का नफा-नुकसान भी जान लेते हैं। गैर सरकारी वाहनों को स्क्रैप कराने पर टैक्स छूट के साथ पुरानी देयताए भी माफ कर दी जाएंगी, इससे हर साल 3.45 करोड़ की राजस्व हानि होगी, जबकि नए वाहनों की खरीद जीएसटी के रूप में लगभग 95 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। इस योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपये की विशेष केन्द्रीय सहायता प्रदान की जायेगी। राज्य को प्रथम चरण में 25 करोड़ रुपये की धनराशि मिलेगी। बता दें कि उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी महकमों के 6200 वाहनों को स्क्रैप की श्रेणी में चिह्नित किया है। केंद्रीय कार्यालय, उत्तराखंड सरकार, सरकारी निगम, निकाय, रोडवेज समेत सभी विभागों को अपने 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप (scrap policy Uttarakhand) कराने को कहा गया है।