देहरादून: विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले डॉ. हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
Vigilance raid on locations linked to Harak Singh Rawat
विजिलेंस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता डॉ. हरक सिंह रावत के घर छापेमारी की। मामला कॉर्बेट में हुए घोटाले से जुड़ा है। छापेमारी के दौरान विजिलेंस की टीम को कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। इससे प्रदेश की सियासत गरमा गई है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने डॉ. हरक सिंह रावत के बेटे के मेडिकल कॉलेज और पेट्रोल पंप में भी छापेमारी की है। विजिलेंस की टीम अभी कॉलेज के अंदर है। मीडियाकर्मियों को गेट पर रोका गया है, उन्हें अंदर जाने की मनाही है। बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में भले ही डॉ. हरक सिंह रावत ने चुनाव न लड़ा हो, लेकिन वो हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं।
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जब उन्होंने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थामा था, तभी से कयास लग रहे थे कि हरक की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ऐसा ही हुआ भी। पूर्व में वन मंत्री रह चुके हरक सिंह रावत पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन (एनजीटी) की कमेटी ने भी तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ किशनचंद समेत कई अन्य अफसरों पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि वहां स्वीकृत 163 पेड़ से ज्यादा काटे गए हैं। इसके अलावा कई जगह बिना वित्तीय और पर्यावरणीय स्वीकृति के ही अवैध निर्माण कर दिए गए। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह Harak Singh Rawat को भी जिम्मेदार बताया गया है।