हल्द्वानी: ऊधमसिंह नगर के दिनेशपुर निवासी अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी व तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त प्रेमा विश्वास ने दुनिया भर में अपनी काबिलियत दिखा कर उत्तराखंड का नाम रौशन किया है, मगर इन दिनों वो मुसीबत में चल रही हैं।
Prema Biswas begged to play badminton for the country
भगवान ने उनके दोनों पैर छीन लिए हैं, और दिव्यांगता का शाप जीवन पर हावी होने लगा। हालांकि उनकी यह कमी उनकी ताकत बनकर सामने आई है। प्रेमा विश्वास ने भी खुद पर ऐसा ही विश्वास किया। बिना पैरों के अपने सपनों को ऊंची उड़ान दी। नतीजा उसकी पहचान अब अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में है। उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीतीं, सम्मान व पुरस्कार मिले, मगर शर्मनाक बात है कि आज हालत हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता खेलने के लिए उन्हें लोगों के आगे हाथ फैलाना पड़ रहा है। उनके सामने बड़ी आर्थिक समस्या आन पड़ी है। दरअसल इंडोनेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में उनका चयन हुआ है, मगर स्वजनों के पास इतने रुपये नहीं कि वह उसके सपने को पूरा कर सकें। प्रेमा को शासन-प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में कई लोग उनकी मदद को आगे आए हैं। आगे पढ़िए
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बता दें कि वे दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। जन्म के कुछ साल बाद किसी इंजेक्शन से उनके दोनों पैर खराब हो गए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए इलाज नहीं हो पाया, मगर उन्होंने अपने हौसले व सपने को कभी दिव्यांग नहीं समझा। यही कारण है कि उन्होंने हाथ में बैडमिंटन थामा। नतीजा यह है कि नेशनल पैरा बैडमिंटन में पांच बार स्वर्ण पदक हासिल किया। सरकार ने उनकी उपलब्धि पर वर्ष 2022 में तीलू रौतेली पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार जीत चुकी हैं, फिर भी वो कठिन दौर से गुजर रही हैं। इंडोनेशिया में होने वाली प्रतियोगिता में उनका चयन हुआ, मगर स्वजनों के पास इतने रुपये नहीं है। प्रेमा को शासन-प्रशासन की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। बता दें कि प्रेमा ने उत्तराखंड को कई मेडल्ड दिलाए हैं। खेल महाकुंभ 2017 में रजत पदक, गोला फेंक में स्वर्ण पदक, खेल महाकुंभ 2018 सिंगल में स्वर्ण पदक, द्वितीय राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2018 में सिंगल में रजत पदक, मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक, तृतीय राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2019 में सिंगल में स्वर्ण पदक, डबल्स में स्वर्ण पदक, मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक, द्वितीय पैरा मास्टर नेशनल गेम 2022 सिंगल में स्वर्ण पदक, मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक, राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ 2022 में सिंगल में स्वर्ण पदक, मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक, चतुर्थ नेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2020 में सिंगल में कांस्य पदक, मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक, पांचवीं नेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 में सिंगल में कांस्य पदक, वूमेंस डबल्स में कांस्य पदक, उत्तराखंड स्टेट पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप 2023 में सिंगल में स्वर्ण, डबल्स में भी स्वर्ण और मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक जीत चुकी हैं। ऐसे में अब उत्तराखंड के लोग उनके साथ खड़े हुए हैं और उनको आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं।