देहरादून: उत्तराखंड की छवि पर्यटन प्रदेश की है। हर साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें जाम के अलावा पार्किंग संबंधी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है।
Tunnel Mechanical Parking In Uttarakhand
वीकएंड पर पर्यटक स्थल पैक हो जाते हैं और लोगों को अपने वाहन जहां-तहां सड़कों पर पार्क करने पड़ते हैं। इससे रोड ब्लॉक होती है और दूसरों को जाम में फंसना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य में टनल व मैकेनिकल पार्किंग के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सरकार वाहन पार्किंग की सुविधा विकसित करने पर ध्यान दे रही है। ताकि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को बुरे अनुभव से न गुजरना पड़े। इसी कड़ी में सोमवार को अपर मुख्य सचिव आवास आनंद बर्द्धन ने अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान अपर सचिव ने कहा कि राज्य में टनल व मैकेनिकल पार्किंग के लिए संभावनाएं तलाशी जाएं। प्राधिकरण स्तर पर संचालित पार्किंग परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा बैठक में पार्किंग योजनाओं के अलावा सिटी मोबेलिटी प्लान, यूनिटी माल, लैंड बैंक, शेल्टर फंड, मानचित्रों के निस्तारण को लेकर भी चर्चा हुई।
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अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में यूनिटी मॉल के लिए चिह्नित भूमि की डीपीआर जल्द तैयार कराई जाए। केंद्र की ओर से हर शहर में यूनिटी मॉल तैयार करने की योजना है, जहां स्थानीय उत्पादों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सिटी मोबिलिटी प्लान तैयार किए जाने जरूरी हैं, ताकि शहरों में ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ बने। इसके लिए महायोजना के निर्माण में सिटी मोबिलिटी प्लान के आधार पर प्रावधान किए जाएं। अधिकारी विकास प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृति को सर्वसुलभ व आसान बनाने के साथ ही निर्धारित अवधि में इन्हें स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। अपर मुख्य सचिव ने प्राधिकरणों को मिलने वाले शेल्टर फंड का उपयोग निर्बल आय वर्ग के लिए आवास निर्माण में करने के भी निर्देश दिए हैं।