उत्तराखंड उत्तरकाशीLoss of Rs 12 crore due to heavy rains in Uttarkashi

उत्तरकाशी में आसमानी आफत से आपदा जैसे हालात, अब तक 12 करोड़ का नुकसान

Uttarakhand landslide सीमांत जनपद उत्तरकाशी में 12 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अब भी लगातार नुकसान हो रहा है।

uttarakashi landslide: Loss of Rs 12 crore due to heavy rains in Uttarkashi
Image: Loss of Rs 12 crore due to heavy rains in Uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: मानसून वैसे तो खुशियों का संचार करता है मगर पहाड़ों के लिए यह अभिशाप है।मॉनसून के आगमन के साथ ही उत्तरकाशी जिले में आपदा जैसे हालात बन गए हैं।

Loss of Rs 12 crore by heavy rains in Uttarkashi

जुलाई माह के पहले और दूसरे सप्ताह में ही सीमांत जनपद उत्तरकाशी में 12 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अब भी लगातार नुकसान हो रहा है। इसी के साथ क्षतिग्रस्त सड़कों, पेयजल लाइन, विद्युत लाइन और सिंचाई नहरों की अभी तक मरम्मत नहीं हुई है।बात करें सबसे मूलभूत सुविधा " सड़क " की तो सबसे ज़्यादा नुकसान यहां सड़कों को हुआ है। इसके चलते अभी भी उत्तरकाशी में 20 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हो रखे हैं जिनसे तकरीबन 40 से अधिक गांवों का संपर्क कटा हुआ है। सबसे अधिक प्रभावित मोरी और पुरोला ब्लाक के गांव हैं।

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उत्तरकाशी में अबतक कितना नुकसान?

पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त होने से 72 लाख का नुकसान हुआ है। इनके मरम्मत पर खर्च होने वाली अनुमानित धनराशि 1.30 करोड़ बताई जा रही है। वहीं सड़कों की बात करें तो राज्यमार्ग,जिला मार्ग,संपर्क मार्ग मिलाकर कुल 45 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं यातायात सुचारु करने में खर्च होने वाली धनराशि लगभग 1.75 करोड़ बताई गई है। क्षतिग्रस्त विद्युत पोल से 95 लाख का नुकसान हुआ है और इनकी मरम्मत में खर्च होने वाली अनुमानित धनराशि 71 लाख है। वहीं क्षतिग्रस्त नहरों की वजह से 95 लाख का नुकसान हुआ है और इनकी मरम्मत पर खर्च होने वाली अनुमानित धनराशि 3.55 करोड़ बताई जा रही है। वहीं 7 लाख की जनहानि और 15 लाख गंभीर घायलों के इलाज में लगे हैं। मृतक के स्वजन और घायलों को देय राहत राशि 28 लाख और पशुहानि 15 लाख की बताई जा रही है प्रशासन द्वारा प्रभावित पशुपालकों को 6.52 लाख रुपए दिए जाएंगे। जिले में आई मुसीबतों को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने अधिकारियों की बैठक लेकर उनको एक्शन लेने के आदेश दे दिए हैं। इसी के साथ उन्होंने को भवनों और खेतों जैसी व्यक्तिगत परिसंपत्तियों के नुकसान के आकलन करने और प्रभावितों को राहत उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।