देहरादून: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में धांधली की खबरें इतनी आम हो गई हैं कि हर किसी को यही लगता है कि वो भी पैसे देकर सरकारी नौकरी पा जाएगा।
99 lakh fraud with Dehradun boy in the name of job
युवाओं में सरकारी नौकरी के क्रेज को कुछ जालसाजों ने अपना धंधा बना रखा है। ये लोग सरकारी नौकरी का झांसा देकर युवाओं को लूट रहे हैं। देहरादून में ऐसे ही एक मामले में एक लड़के से 99 लाख रुपये की ठगी हो गई। पीड़ित लड़के ने अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार लेकर रकम जुटाई थी, लेकिन न तो सरकारी नौकरी मिली और न ही पैसे वापस मिले। अब पीड़ित ने नेहरू कॉलोनी थाने में 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इनमें दो आरोपियों राजीव प्रताप औऱ आलोक प्रताप से एसटीएफ पेपर लीक के मामले में पिछले दिनों पूछताछ भी कर चुकी है। पीड़ित धर्मेंद्र सिंह रावत का परिवार केदारपुरम में रहता है। पुलिस को दी गई शिकायत में धर्मेंद्र ने बताया कि साल 2015 में वो दिल्ली में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था। साल 2017 में उसकी मुलाकात आरोपी राजीव प्रताप से हुई। राजीव प्रताप ने कहा कि उसके मामा जयदेव शाह आयोग के पूर्व कर्मचारी हैं और न्यायिक सेवा में रह चुके हैं। उन्होंने उत्तराखंड पीसीएस की परीक्षा अपने मामा जयदेव शाह को पैसे देकर पास की है। आगे पढ़िए
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Dehradun Rs 99 Lakh Fraud Case
कुछ दिन बाद राजीव प्रताप ने धर्मेंद्र को अपने मामा जयदेव शाह से मिलवाया। जयदेव ने कहा कि वो जेई या फिर सहायक वन संरक्षक के पद पर नौकरी दिला सकता है, पर खर्चा लगेगा। आरोपियों ने धर्मेंद्र से 84 लाख रुपये मांगे। तब नौकरी के लालच में धमेंद्र ने उत्तरकाशी के दोस्तों-रिश्तेदारों से 84 लाख रुपये लेकर राजीव प्रताप, आलोक प्रताप, लोकेंद्र राजपाल और राजेंद्र के खाते में जमा करा दिए। आरोपियों ने बाद में 15 लाख रुपये और मांगे और इस तरह 99 लाख रुपये ठग लिए। दो साल तक आरोपी धर्मेंद्र को नौकरी का झांसा देते रहे, लेकिन जब जॉब नहीं मिली तो धर्मेंद्र ने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन आरोपी टालमटोल करने लगे। अब पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।