उत्तराखंड चमोलीGIC Godli Chamoli in the grip of landslide

गढ़वाल: भूधंसाव की चपेट में आया स्कूल, डर के साये में पढ़ने को मजबूर हैं नौनिहाल

ग्रामीणों का कहना है कि वो इस बारे में अफसरों को कई बार बता चुके हैं, लेकिन लगता है प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

GIC Godli Chamoli: GIC Godli Chamoli in the grip of landslide
Image: GIC Godli Chamoli in the grip of landslide (Source: Social Media)

चमोली: चमोली जिले में जगह-जगह से भूधंसाव की खबरें आ रही हैं। जोशीमठ के हालात हम सबको पता हैं, इस बीच एक चिंता बढ़ाने वाली खबर पोखरी ब्लॉक से आई है।

GIC Godli Chamoli in the grip of landslide

यहां गोदली गांव में रहने वाले छात्र खतरे के साये में पढ़ने को मजबूर हैं, वो इसलिए क्योंकि गोदली राजकीय इंटर कॉलेज भूधंसाव की चपेट में है। यहां की जमीन लगातार खिसक रही है। स्कूल के दो क्लासरूम तो बेहद संवेदनशील स्थिति में पहुंच चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वो इस बारे में अफसरों को कई बार बता चुके हैं, लेकिन लगता है प्रशासन हादसे का इंतजार कर रहा है। ये हाल तब है जबकि पोखरी विकासखंड बीजेपी और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का क्षेत्र रहा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट इसी ब्लॉक से हैं। बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी यहीं से आते हैं, वर्तमान में उनकी पत्नी रजनी भंडारी जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर हैं। प्रशासन की ओर से बच्चों की सुरक्षा के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठाए गए। मानसून सीजन में एक बार फिर स्कूल पर ढहने का खतरा मंडरा रहा है। आगे पढ़िए

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मजबूरी में छात्र इस स्कूल में पढ़ने तो आ रहे हैं, लेकिन अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है। गोदली गांव के इस स्कूल में वर्तमान में करीब 200 छात्र-छात्राएं पढ़ रही हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि साल 2014 से ही यहां पर मिट्टी का कटान हो रहा है, अब भू-कटान स्कूल की दीवार के समीप पहुंच गया है। जब से कलसीर से नौली तक सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ है, तब से हालात और बिगड़े हैं। इस बारे में पीएमजीएसवाई, शिक्षा विभाग और प्रशासन के अधिकारियों को कई बार बताया जा चुका है, लेकिन कोई सुन नहीं रहा। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पीएमजीएसवाई की सड़क बनने के बाद से जमीन में धंसाव शुरू हुआ है। कॉलेज प्रबंधन से कहा गया है कि छात्रों को किसी भी सूरत में संवेदनशील कमरों में न बैठाया जाए। पीएमजीएसवाई अफसरों ने स्कूल की मरम्मत के लिए 80 लाख का प्रोजेक्ट शासन को भेजा है। शिक्षा विभाग यहां दो नए कक्ष भी बनवा रहा है।