उत्तराखंड पिथौरागढ़Landslide in Dharchula Pithoragarh

उत्तराखंड में यहां हुआ भूस्खलन, फंसे दर्जनों वाहन, नदियों ने दिखाया रौद्र रूप

पिथौरागढ़ में हालात बेकाबू हो रहे हैं। धारचूला में भूस्खलन, फंसे दर्जनों वाहन, जनजीवन हुआ अस्तव्यस्त

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Image: Landslide in Dharchula Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में मॉनसून जोर पकड़ रहा है। लगातार बरसात से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार रात से ही बारिश का सिलसिला जारी है।

Landslide in Dharchula Pithoragarh

वहीं पिथौरागढ़ में हालात बेकाबू हो रहे हैं। लगातार यहां आपदा जैसे हालात बन रहे हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला में भूस्खलन से यहां वाहन फंसे हैं। वहीं भारी बारिश से गांव के समीप थोपा नाले का जल स्तर बढ़ गया है। कीड़ा जड़ी दोहन कर वापस आने वाले 25 लोगों को जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे गांव पहुंचना पड़ा। बता दें कि पिथौरागढ़ जिले में लगातार भूस्खलन हो रहा है। टनकपुर-तवाघाट एनएच के पास धारचूला नयाबस्ती में भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से सड़क बंद हो गई है। जिस कारण दोनों और दर्जनों वाहन और ग्रामीण फंसे हैं।हिलवेज सड़क खोलने में लगी है। सड़क दोपहर तक खुलने की उम्मीद है। आगे पढ़िए

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इसके अलावा मलबा आने से 18 से अधिक सड़कें बंद हैं। वहीं धारचूला के दारमा घाटी में मूसलाधार बारिश से चल गांव को जोड़ने वाली धौली नदी किनारे लगी ट्राली बह गई है। इस वजह से 50 परिवारों का संपर्क कट गया है। बारिश से नालों के भी रौद्र रूप धारण करने से कीड़ा जड़ी दोहन करने गए 25 लोगों को जान जोखिम में डालकर गांव पहुंचना पड़ा। ग्राम प्रधान सरस्वती देवी और उप प्रधान दिनेश चलाल ने बातया कि 2013 की आपदा में लोहे का पुल बह गया था। शासन प्रशासन ने अब तक पुल नहीं बनाया है। हर साल इस तरह की परेशानी उठानी पड़ती है। कुल मिलाकर पिथौरागढ़ आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिला है और हर साल यहां पर मानसून में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। बता दें कि लोगों को बरसात से राहत नहीं मिलेगी। आने वाले कुछ दिनों तक मूसलाधार बरसात को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।