देहरादून: बरसात का सीजन शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप भी शुरू हो गया है।
Dengue monitoring in 5 districts of Uttarakhand
ऐसे में डेंगू संभावित जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी एवं नैनीताल के मैदानी क्षेत्रों में जनजागरूकता एवं बचाव के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दे दिए गए हैं। शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, जलापूर्ति विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा व सूचना विभाग के साथ मिलकर प्रदेशभर में डेंगू नियंत्रण को जनजागरूकता अभियान संचालित करने व इसकी निरंतर मॉनिटिरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में भी डेंगू की निशुल्क जांच की सुविधा है।
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वहीं आने वाले वक्त में डेंगू रोगियों के उपचार के लिए प्रदेशभर की चिकित्सा इकाइयों में 1466 डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित किए गए हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। वहीं ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। अगर सावधानी न रखें तो डेंगू जानलेवा साबित हो सकता है। डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है, जिसमें डेंगू बुखार (साधारण), डेंगू हेमरेजिक व डेंगू शॉक सिंड्रोम है। डेंगू बुखार में संक्रमित व्यक्ति को ठंड के साथ तेज बुखार आता है। उसको भारी सिरदर्द, बदन दर्द व मांसपेशियों और जोड़ों में भी तेज दर्द होता है। डेंगू शॉक सिंड्रोम में इन सभी लक्षणों के अलावा रोगी का रक्तचाप भी कम होने लगता है। ऐसे में इस सीजन में आने वाले बुखार को हल्के में न लें और बुखार होने पर तुरंत ही जांच करा लें।