हरिद्वार: एक तरफ हरिद्वार में पॉड टैक्सी परियोजना को लेकर लोगों को बड़े बड़े ख्वाब दिखाए जा रहे हैं मगर शायद प्रशासन यह भूल गया है कि पॉड टैक्सी सड़कों पर चलती हैं, पानी तैरती नहीं है।
Roads filled with water in Haridwar
ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून की पहली बारिश में ही हरिद्वार की सड़कें जलमग्न हो गई हैं, और दिखना बंद हो गई हैं। जगह-जगह जलभराव देखने को मिल रहा है और इससे यह तो साफ हो गया है कि हरिद्वार प्रशासन विकास कार्यों को लेकर जरा भी सीरियस नहीं है। एक ओर परियोजनाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं करोड़ों रुपए लगाए जा रहे हैं मगर बेसिक सीवरेज ड्रेनेज व्यवस्था का हरिद्वार में कोई नामोनिशान ही नहीं है। मानसून की पहली बारिश ने हरिद्वार नगर निगम की पोल खोल दी। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से लाखों का नुकसान हुआ। शहर और देहात के कई क्षेत्रों में पानी भर गया। सबसे ज्यादा बुरे हालात मध्य हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर, भूपतवाला और ऋषिकुल कॉलोनी के थे। रानीपुर मोड़ में बारिश का पानी सिटी अस्पताल के अंदर घुस गया।
ये भी पढ़ें:
ये भी पढ़ें:
Haridwar water logging
बता दें कि शनिवार रात से जारी बारिश में ऋषिकुल कॉलोनी में उफनते नाले की चपेट में आने से एक घर की दीवार टूट गई। दो दुकानों और एक कमरे में रखा सामान नाले में बह गया। वहीं मध्य हरिद्वार, कनखल, ज्वालापुर और भूपतवाला में नाले चोक होने से कई घरों और दुकानों में बारिश का पानी घुस गय।वहीं चंद्राचार्य चौक पर पानी की निकासी के लिए लगाए पंपिंग सेट फेल हो गए। जिससे सड़क पर करीब तीन फुट पानी भर गया। बारिश का पानी सिटी अस्पताल और आसपास की कई दुकानों में घुस गया। कई लोगों के वाहन पानी में फंस गए। कुल मिलाकर मानसून की पहली बरसात में ही हरिद्वार के ड्रेनेज सिस्टम और जल निकाय व्यवस्था की पोल पट्टी खोल कर रख दी है अब आने वाले दिन हरिद्वार निवासियों के लिए कितने कठिन होंगे इसकी कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है