उत्तराखंड चमोलीProtest against Helang Marwari bypass in Joshimath

जोशीमठ में सड़क पर उतरा जनसैलाब, 185 करोड़ के बाइपास का विरोध, जानिए वजह

हेलंग मारवाड़ी बाईपास (Helang Marwari bypass) के विरोध में जोशीमठ बाजार बंद, जुलूस निकालकर कर किया प्रदर्शन

Helang Marwari bypass: Protest against Helang Marwari bypass in Joshimath
Image: Protest against Helang Marwari bypass in Joshimath (Source: Social Media)

चमोली: हेलंग मारवाड़ी बाईपास निर्माण जोरों शोरों से चल रहा है मगर दूसरी और इसका पुरजोर विरोध भी जारी है। इसके विरोध में जोशीमठ नगर के व्यापारियों ने आज शुक्रवार 23 जून को जोशीमठ बाजार बंद रखा।

Protest against Helang Marwari bypass

हेलंग मारवाड़ी बाईपास निर्माण से जोशीमठ के व्यापारियों को व्यापार ठप होने के साथ ही जोशीमठ का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। उन्होंने जोशीमठ बाजार से ही बदरीनाथ हाईवे चौड़ीकरण की मांग उठाई है। दरअसल हेलंग-मारवाड़ी बाईपास चीन सीमा को जोड़ने वाले बदरीनाथ राजमार्ग पर 185 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन है। बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव जोशीमठ से ठीक नीचे से गुजर रहे इस बाईपास को लेकर आपदा प्रभावित जोशीमठ के लोग आशंकित हैं। वर्ष 2016 में जब चारधाम आल वेदर रोड परियोजना घोषित हुई तो छह किमी लंबे इस बाईपास को लेकर केंद्र सरकार ने पहल की। आगे पढ़िए

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Helang Marwari bypass

इसके पीछे मंतव्य बदरीनाथ धाम की यात्रा को सुगम बनाने के साथ ही सीमा तक पहुंच आसान करना भी है। इसके बनने पर बदरीनाथ की दूरी 22 किलोमीटर कम हो जाएगी।इसी वर्ष जनवरी की शुरुआत में बदरीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव जोशीमठ शहर में भूधंसाव और घरों में दरारें पड़ने का क्रम तेज हुआ तो इस बाईपास को लेकर विरोध के सुर भी तेज हुए। नतीजतन, पांच जनवरी को बाईपास का निर्माण कार्य रोक दिया गया।शासन ने कार्यदायी संस्थान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से सभी पहलुओं से तकनीकी विशेषज्ञों से परीक्षण कराने को कहा। विशेषज्ञों की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि बाईपास (Helang Marwari bypass) के निर्माण से जोशीमठ शहर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके बाद शासन ने बीआरओ को सशर्त निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी। पांच माह बाद इसका निर्माण शुरू होते ही विरोध भी प्रारंभ हो गया। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस परिस्थिति को कैसे संभालता है।