रुद्रप्रयाग: इसे शर्मनाक नहीं तो और क्या कहेंगे? हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थल कहे जाने वाले केदारनाथ मार्ग से ये वीडियो सामने आया है।
Sharaab bottles seized on Kedarnath route
आलू प्याज की बोरियों में दारू की सप्लाई हो रही है। ये वीडियो साफ दर्शा रहा है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था और पुलिस का खौफ शराब तस्करों के भीतर बिल्कुल भी नहीं लग रहा। मैदानी इलाकों से शराब तस्करी का ग्राफ अब पहाड़ों में बढ़ रहा है। ये सब कुछ गजब ही हो रहा है। अब तो चारधाम यात्रा में शराब की तस्करी हो रही है। ये वीडियो भी इसकी बानगी पेश कर रहा है। ये नजारा रुद्रप्रयाग का है। सब्जी के कट्टों में भरी ये शराब की बोतलें गुपचुप तरीके से गौरीकुंड पहुंचाई जानी थी। लेकिन उससे पहले स्थानीय लोगों ने शराब माफिया के मंसूबों पर पानी फेर दिया। एक नहीं , दो नहीं बल्कि कुल मिलाकर शराब की 45 बोतलें सब्जी के कट्टों से बरामद हुई। आगे पढ़िए
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अब तक जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, ये आलू और प्याज के कट्टे रुद्रप्रयाग में ही भरे गए थे। यानी साफ है कि शराब भी रुद्रप्रयाग में किसी स्थानीय तस्कर द्वारा रखी गई थी। वो तस्कर कौन है, जो केदारनाथ जैसे पवित्र तीर्थस्थल में शराब पहुंचा रहा है? केदारनाथ यात्रा पड़ाव में इस साल शराब तस्करी के कई मामले आए हैं। शहर में जो शराब 700 से हजार रुपए की है, वही शराब केदारनाथ यात्रा पड़ाव में 3 से 4 हजार में बेची जा रही है। यानी ये शराब 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 45 हजार रुपए के बीच बेची जानी थी। शराब तस्करी के मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। लेकिन हमारा सवाल ये है कि आखिर छोटे खिलाड़ियों को पकड़कर क्या फायदा होगा? क्यों उस तस्कर को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा, जो केदारनाथ जैसे पावन तीर्थ की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है? क्यों पुलिस की तफ्तीश ऐसे तस्करों तक पहुंचने में नाकामयाब साबित हो रही है?