उत्तराखंड रुद्रप्रयागUttarakhand Kartik Swami Temple Story Route Map All Detail

देवभूमि का वो मंदिर, जहां मौजूद हैं शिवजी के पुत्र कार्तिकेय की अस्थियां, यहां अद्भुत है नजारा

यह उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।

Rudraprayag Kartik Swami Temple: Uttarakhand Kartik Swami Temple Story Route Map All Detail
Image: Uttarakhand Kartik Swami Temple Story Route Map All Detail (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला केदारनाथ धाम, त्रियुगीनारायण और तुंगनाथ जैसे शिवधामों के लिए मशहूर है।

Uttarakhand Kartik Swami Temple

इसी जिले में एक ऐसा मंदिर भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान कार्तिकेय की अस्थियां रखी हुई हैं। कनक चौरी गांव के पास स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर में हर साल लाखों भक्त भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको कनक चौरी गांव तक पहुंचना होगा, वहां से तीन किलोमीटर पैदल चलकर कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंच सकते हैं। इस मंदिर की भव्यता देखने लायक है। साथ ही मंदिर के चारों ओर का नजारा भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने का काम करता है। सबसे खास बात यह है कि ये उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय यहां बाल्य रूप में विराजमान हैं।

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मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ने अपने दोनों बेटों कार्तिकेय और गणेश की परीक्षा ली थी। उनसे कहा था कि जो भी सबसे पहले ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर वापस आएगा, उसकी पूजा समस्त देवी-देवताओं में सबसे पहले की जाएगी। ये सुनकर कार्तिकेय ब्रह्मांड का चक्कर लगाने चले गए, लेकिन गणेश ने माता पार्वती और पिता शिव के चारों और परिक्रमा कर परीक्षा पास कर ली। खुद को हारा हुआ देख कार्तिकेय क्रोधित हो गए और अपने शरीर का मांस माता-पिता के चरणों में समर्पित कर स्वयं हड्डियों का ढांचा लेकर क्रौंच पर्वत चले गए। कहा जाता है कि कार्तिक स्वामी मंदिर में आज भी भगवान कार्तिकेय की अस्थियां मौजूद हैं। रुद्रप्रयाग-पोखरी मार्ग पर कनक चौरी गांव के पास 3050 मीटर की ऊंचाई पर क्रौंच पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है। हर साल लाखों लोग Kartik Swami Temple के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।