उत्तराखंड देहरादून132 liquor shops closed in Uttarakhand

उत्तराखंड में 132 से ज्यादा शराब के ठेकों पर लटके ताले, जानिए अब क्या है सरकार का प्लान

प्रदेश में करीब 132 से ज्यादा देसी व अंग्रेजी शराब की दुकानों पर ताले लगे हैं। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, साथ ही शराब के शौकीनों को भी शराब खरीदने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

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Image: 132 liquor shops closed in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: आबकारी विभाग...वो विभाग जिससे सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है, लेकिन पिछले कुछ वक्त से कारोबारियों का शराब के कारोबार से पूरी तरह मोहभंग होता जा रहा है।

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हाल ये है कि प्रदेश में करीब 132 से ज्यादा देसी व अंग्रेजी शराब की दुकानों पर ताले लगे हैं। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, साथ ही शराब के शौकीनों को भी शराब खरीदने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। राजस्व के घाटे को देखते हुए अब उत्तराखंड सरकार ने नया प्लान बनाया है। राज्य सरकार बंद दुकानों को एक-एक दिन के लिए किराए पर देगी। योजना पर काम शुरू हो गया है। प्रदेश में शराब की दुकानों पर ताला लगे होने से सरकार को कितना नुकसान हो रहा है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि राज्य में सर्वाधिक करीब 18 करोड़ का राजस्व देने वाली बागेश्वर की अंग्रेजी शराब की दुकान बंद है। इसी तरह नैनीताल जिले में भी मल्लीताल समेत कई जगह 11 दुकानों पर ताले पड़े हैं। इन दुकानों से सरकार को करीब 97 करोड़ का राजस्व मिलना है। आगे पढ़िए

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राज्य के 13 जिलों में से सिर्फ एक जिले का ये हाल है, जबकि पूरे राज्य में अंग्रेजी शराब की कुल 100 और देसी शराब की 32 दुकानें बंद हैं। ऐड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी इन्हें खुलवाने में सफलता नहीं मिल रही। अब सरकार ने बंद दुकानों को एक-एक दिन चलाने के लिए कारोबारियों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है। जो एक दिन का ज्यादा राजस्व देगा, उसे दुकान संचालित करने के लिए दे दी जाएगी। शराब के कारोबार को लेकर जानकार कहते हैं कि कुछ सालों में शराब कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कई कारोबारी बैंक का लोन नहीं चुका पा रहे। शराब कारोबारियों पर सिर्फ सरकार का ही 200 करोड़ से ज्यादा का बकाया है। करीब 70 से ज्यादा कारोबारियों के रकम जमा नहीं करने के चलते उनकी आरसी तक कट चुकी है। हल्द्वानी में एक शराब कारोबारी ने अपनी 6 बीघा जमीन बेच दी। सितारगंज के एक व्यापारी को कोरोना काल में तगड़ा झटका लगा और उस पर करोड़ों की देनदारी हो गई। अल्मोड़ा, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में करीब 125 से अधिक शराब की दुकानों की नीलामी नहीं हो पाई है। अब इन दुकानों की नीलामी न होने तक दैनिक आधार पर किराए पर देने की योजना बनाई गई है।