उत्तराखंड नैनीतालNainital traffic divert new route

नैनीताल और कैंची धाम जाने वाले ध्यान दें, लौटते समय इस नए रूट पर ही चलेंगे वाहन

अभी देखा जाए तो शुरुआती दौर में हल्द्वानी से नैनीताल तक का ट्रैफिक सिस्टम लड़खडड़ाने लगा है। कई किमी लंबा जाम लग रहा है और स्थिति बिगड़ती जा रही है।

nainital traffic new route: Nainital traffic divert new route
Image: Nainital traffic divert new route (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड में पर्यटन सीजन इस बार टॉप गियर में चलने की उम्मीद है। कुमाऊं की तरफ कार्बेट नेशनल पार्क रामनगर, नैनीताल और भवाली के समीप स्थित कैंची धाम में पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।

Nainital traffic divert new route

इसे कैंची धाम की प्रसिद्धि ही कहेंगे कि बड़ी बड़ी हस्तियां व राजनेता लगातार यहां पहुंच रहे हैं। इस वजह से यहां लगातार भीड़ उमड़ रही है। अब पुलिस ने पर्यटन सीजन को लेकर अपनी तैयारी कर ली है। हल्द्वानी से होकर नैनीताल जाने वाले पर्यटक वाहन अब वापसी में कालाढूंगी से बाजपुर होकर जाएंगे। आप जानते होंगे कि नैनीताल और कैंची धाम के लिए मुख्य मार्ग हल्द्वानी से होकर जाता है। अभी देखा जाए तो शुरुआती दौर में हल्द्वानी से नैनीताल तक का ट्रैफिक सिस्टम लड़खडड़ाने लगा है। कई किमी लंबा जाम लग रहा है और स्थिति बिगड़ती जा रही है। अवकाश और खासतौर पर वीकेंड पर पुलिस और प्रशासन की तैयारियां कम पड़ रही हैं। आगे पढ़िए

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पुलिस ने तय किया है कि हल्द्वानी से नैनीताल जाने वाले सभी वाहन काठगोदाम से ही जाएंगे। अगर नैनीताल में पार्किंग फुल होती है तो पर्यटकों के वाहनों रूसी बाइपास पर रोक दिए जाएंगे। यहां से शटल सेवा के जरिए पर्यटक नैनीताल पहुंच पाएंगे। वापसी में नैनीताल से आने वाले वाहन पटवाडांगर से फतेहपुर होकर कालाढूंगी जाएंगे। यहां से बाजपुर होकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाएंगे। इसके अलावा कैंची धाम आने वाले वाहनों के लिए पांच पार्किंग तैयार की गई हैं। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि कैंची धाम में आने वाले वाहनों के पार्किंग की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। तीन पार्किंग भवाली और एक पार्किंग रातीघाट में सड़क किनारे तैयार है। श्रद्धालुओं की मदद के लिए पुलिस अभी से तैनात कर दी है। एक और खास बात ये है कि नैनीताल और कैंची धाम में जाने वाले स्थानीय लोगों को आने-जाने की छूट मिलेगी। नैनीताल में पार्किंग फुल होने पर स्थानीय लोग भी शटल सेवा का लाभ लेंगे। इसके लिए उन्हें कोई फीस नहीं देनी होगी।