उत्तराखंड ऋषिकेशFirst Glass Bridge of India in Rishikesh

उत्तराखंड में बन रहा है भारत का पहला ग्लास ब्रिज, जानें इस हाईटेक प्रोजक्ट की खूबियां

कांच का ये पुल 132 मीटर लंबा होगा, इसके निर्माण की शुरुआत 5 जनवरी 2022 को हुई थी। 62 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

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Image: First Glass Bridge of India in Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: ऋषिकेश शहर ने कम वक्त में पर्यटकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई है। यहां आने वाले पर्यटक अब कांच के पुल से गुजरते हुए गंगा की लहरों का दीदार कर सकेंगे।

First Glass Bridge of India in Rishikesh

लोक निर्माण विभाग की ओर से यहां बजरंग सेतु का निर्माण किया जा रहा है, जो कि लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा। पुल का 62 फीसदी काम पूरा हो गया है। जुलाई 2023 में इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। कांच का ये पुल 132 मीटर लंबा होगा, इसके निर्माण की शुरुआत 5 जनवरी 2022 को हुई थी। 62 फीसदी काम पूरा हो चुका है, अब कांच के फुटपाथ का का शुरू होगा। लोनिवि एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बजरंग सेतु का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि 69.20 करोड़ की लागत से बनने वाले बजरंग सेतु इंजीनियरिंग का शानदार नमूना होने के साथ हाईटेक तकनीक वाला उत्तर भारत का पहला कांच के फुटपाथ वाला पुल होगा।

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इस सेतु के टावर में केदारनाथ धाम की आकृति भी देखने को मिलेगी। लोग यहां से गंगा की लहरों का आनंद ले सकेंगे। टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल थ्री लेन का होगा। पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी। पुल के दोनों तरफ कांच का पैदल पथ बनेगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे। इस कांच की मोटाई 65 मिमी होगी। बता दें कि 16 अप्रैल 2022 को प्रशासन ने जर्जर हो चुके 92 साल पुराने लक्ष्मणझूला पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। अब यहां बजरंग सेतु का निर्माण किया जा रहा है, जो कि लोगों की राह आसान करेगा।