देहरादून: जो भी अधिकारी अपने राज्य, सिस्टम और देश में हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसकी आवाज़ दबाने की पूरी कोशिश की जाती है।
All You Should Know About IFS Rajeev Bhartari
ठीक ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में भी हुआ और यहां पर आईएफएससी राजीव भरतरी की रातों-रात पोस्टिंग कहीं और हो गई। रातो रात हुए इस ट्रांसफर के खिलाफ उन्होंने केंद्र सरकार के पास गुहार लगाई और कहा कि यह लोकतंत्र के उसूलों के खिलाफ है। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार से केंद्र ने उनके तबादले के फैसले को वापस लेने का आदेश दिया है। आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने उत्तराखंड सरकार पर राजनीतिक कारणों के चलते तबादले का आरोप लगाया था। केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है और उत्तराखंड सरकार को उनका तबादला रोकने के आदेश दिए गए। बता दें कि राजीव भरतरी ने सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका दर्ज की थी जिसमें उन्होंने ट्रांसफर को गलत ठहराया था। उन्होंने इसे संविधान के खिलाफ भी बताया था।
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IFS Rajeev Bhartari Uttarakhand
दरअसल बीते 25 नवंबर को उत्तराखंड सरकार ने एक आदेश पारित किया और उसमें उत्तराखंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक पीसीसीएफ के पद पर कार्य कर रहे राजीव भरतरी का तबादला किया गया था। उनको जैव विविधता बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था और विनोद सिंघल को नए पीसीएफ के तौर पर नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि राज्य में पीसीएस वन विभाग का प्रमुख होता है और इसका चुनाव राज्य के ही मंत्रिमंडल द्वारा किया जाता है। यह पद पुलिस विभाग के प्रमुख के बराबर होता है और राजीव भरतरी इस समय उत्तराखंड वन विभाग के सबसे वरिष्ठ एवं अनुभवी अधिकारी हैं। वे 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, और जैव विविधता बोर्ड के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 1 जनवरी को प्रमोशन के बाद उन्हें पीसीसीएफ बनाया गया था और तब से इस पद पर कार्य कर रहे हैं। मगर अचानक कि उनके तबादले से विभाग में खलबली मच गई जानकारी के मुताबिक कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध कटान पर उन्होंने कार्यवाही की और उसके बाद राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने उनका स्थानांतरण कर दिया। राजीव ने याचिका दर्ज कर कहा कि वे राज्य में इंडियन फॉरेन सर्विस के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और सरकार द्वारा किया गया उनका स्थानांतरण संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने राजनीति कारणों के चलते उनका तबादला किया है और इससे उनके अधिकारों का हनन हुआ है। वहीं केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए अधिकारी के पक्ष में मामला सुनाया है और पीसीएसीएस के पद पर राजीव भरतरी की बहाली का उत्तराखंड सरकार को आदेश दे दिया है।