उत्तराखंड रुद्रप्रयागThere may be ban on carrying phone in Kedarnath Badrinath

केदारनाथ-बदरीनाथ में रील नहीं बना पाएंगे यूट्यूबर-व्लॉगर, यहां जाने से पहले नियम पढ़ लीजिए

Ban may impose on carrying phone in Kedarnath Badrinath नए यात्रा नियमों से जनता और सरकार दोनों को फायदा होगा, लेकिन एक नियम ऐसा भी है, जो यूट्यूबर-व्लॉगरों का धंधा बंद करवाने वाला है।

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Image: There may be ban on carrying phone in Kedarnath Badrinath (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: अप्रैल में चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। पिछले साल की चारधाम यात्रा की कई तस्वीरें आपको जरूर याद होंगी। मसलन सोनप्रयाग समेत कई जगह कैसे लोगों की भीड़ लगी हुई थी।

Ban may impose on carrying phone in char dham

इस बार लोगों को इस तरह की दिक्कतें न फेस करनी पड़ें, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से चारधाम यात्रा के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इन नियमों से जनता और सरकार दोनों को फायदा होगा, लेकिन एक नियम ऐसा भी है, जो यूट्यूबर-व्लॉगरों का धंधा बंद करवा देगा। वो इसलिए क्योंकि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिरों में दर्शन के दौरान फोन ले जाने पर रोक लग सकती है। मंदिर समिति इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है। इतना ही नहीं यात्रा के लिए लोग गरीमामय परिधान पहनकर ही आएं, इसे लेकर भी नियम लागू किया जा सकता है। समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल यात्रा के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर में यू-ट्यूबर और ब्लागर्स की वजह से कई तरह की दिक्कतें पेश आईं।

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बीते दिनों समिति की टीम ने तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, महाकाल और सोमनाथ मंदिर के प्रबंधन और व्यवस्था का अध्ययन किया था। अब टीम ने मंदिर समिति को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद समिति मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी। इसके अनुसार चारधाम में मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लग सकता है। देश के विख्यात मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था लागू है। मंदिर समिति का भी यह विचार है कि यहां आने वाले श्रद्धालु भी गरिमामय में परिधान में दर्शन करें। मंदिर समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए भी अलग से वर्दी पर विचार हो रहा है। बता दें कि पिछली बार यात्रा के दौरान मंदिर समिति को श्रद्धालुओं से 65 करोड़ रुपये का चढ़ावा प्राप्त हुआ। चढ़ावे के लिए भी पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाएगी। मंदिर समिति पुजारियों व कर्मचारियों पर मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा लेने पर रोक लगा सकती है। पारदर्शी व्यवस्था से श्रद्धालु दान पात्रों में चढ़ावा दे सकेंगे।