उत्तराखंड रुद्रप्रयागMahashivratri Puja shubh muhurat 18 February 2023

उत्तराखंड के शिव भक्त ध्यान दें, महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त जानिए, बन रहे हैं 3 अद्भुत संयोग

Mahashivratri Puja shubh muhurat 2023 महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर उत्‍तराखंड के भक्‍तों के लिए ये रहेंगे शुभ संजोग

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Image: Mahashivratri Puja shubh muhurat 18 February 2023 (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: कल महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर तीन अद्भुत संयोग बन रहे हैं।

Mahashivratri Puja shubh muhurat 2023

अगर आप भी महादेव के भक्त हैं और महाशिवरात्रि के दिन महादेव का व्रत रखते हैं तो उस खबर को अंत तक पढ़िए। महाशिवरात्रि का व्रत करने से शिवभक्तों पर भगवान भोलेनाथ की अधिक कृपा बरसेगी। इस बार महाशिवरात्रि पर तीन अद्भुत संयोग बन रहे हैं। पहला शनि प्रदोष का योग, दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग और तीसरा सूर्य एवं शनि का एक ही राशि में गोचर करना। ऐसे में इस बार महाशिवरात्रि का व्रत करने से शिवभक्तों पर अधिक कृपा बरसेगी। बता दें कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। आगे पढ़िए शुभ मुहूर्त

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Mahashivratri Puja shubh muhurat 2023

प्रथम प्रहर की पूजा शाम छह बजकर 20 मिनट से रात्रि नौ बजकर 30 मिनट तक
दूसरा प्रहर रात नौ बजकर 30 मिनट से रात 12 बजकर 40 मिनट
तीसरे प्रहर की पूजा रात 12 बजकर 40 मिनट से सुबह तीन बजकर 50 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा सुबह तीन बजकर 50 मिनट से सुबह सात बजे तक
18 फरवरी को रात लगभग आठ बजे चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी। जो अगले दिन शाम को लगभग चार बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार महाशिवरात्रि के दिन शनिवार का दिन पड़ने से शनि प्रदोष का योग बन रहा है। शनि प्रदोष व्रत अपने आप में बहुत ही खास होता है। शनि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करने से संतान कामना की पूर्ति होती है। दूसरा इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी कार्य करने से पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती है। और तीसरा लगभग 30 वर्ष बाद सूर्य और शनि यानी पिता-पुत्र की एक साथ कृपा प्राप्त होगी। क्योंकि सूर्य और शनि एक साथ शनि की कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इस दिन व्रत रखकर चार प्रहर भगवान शिव की पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।