देहरादून: ‘मेरे बाल मेरी जान हैं’...एक फेमस हेयर ऑयल के ऐड में जब ये लाइनें सुनाई देती हैं तो हर लड़की का दिल सुंदर बाल पाने के लिए तड़प उठता है। खूबसूरत बालों में हर महिला की जान बसती है, लेकिन उन महिलाओं का क्या जो कैंसर के चलते अपने बाल गंवा देती हैं। उन्हें दोहरे तनाव से गुजरना पड़ता है।
Reena Shahi donated her hair for cancer patient
ऐसी महिलाओं के लिए उत्तराखंड की एक बेटी ने अपने बाल दान किए हैं। ताकि इन बालों से बना विग पहनकर किसी के चेहरे की मुस्कान फिर से लौट सके। आज हम आपको रीना शाही के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कैंसर पीड़ितों के लिए बाल डोनेट कर के हर किसी के लिए मिसाल बन गई हैं। श्रीनगर स्थित गढ़वाल यूनिवर्सिटी से एमए कर रहीं रीना मूलरूप से पिथौरागढ़ के चामी भैंस्कोट की रहने वाली हैं। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में रहता है। रीना के पिता चंद्रभानु सिंह शाही पेशे से अध्यापक हैं। पिता और भाईयों ने रीना को हमेशा आगे बढ़ने और सही का साथ देने की प्रेरणा दी। रीना ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई अपने गांव से करने के बाद नैनीताल से इंटर तक की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने देहरादून से बीसीए और एमसीए किया। आगे पढ़िए
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पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 5 साल तक दिल्ली, बेंगलुरु और दुबई में जॉब करती रहीं। कुछ समय पहले रीना फिर से उत्तराखंड लौटीं और अब वो हिंदी में एमए कर रही हैं। रीना को कविताएं लिखने का शौक है, उनका पहला कविता संग्रह जंगली फूल नाम से 2022 में प्रकाशित हो चुका है। रीना कहती हैं कि वो लंबे समय से बाल डोनेट करने के बारे में सोच रही थीं, लेकिन बालों में कलर लगा होने की वजह से वो ऐसा नहीं कर सकीं। इस बार उन्होंने बालों में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की और इन्हें कैंसर पीड़ितों के लिए काम करने वाली संस्था को डोनेट कर दिया। अब संस्था उनके बालों को कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति को डोनेट करेगी। रीना के इस कदम को उनके पिता और भाईयों के अलावा उनके साथियों ने भी खूब सराहा। बता दें कि कैंसर के इलाज के दौरान मरीज के बाल झड़ जाते हैं। ऐसे में कई महिलाएं बिना बालों के अजीब महसूस करती हैं। ऐसे मरीजों के लिए मुंबई और केरल के कैंसर चिकित्सा हॉस्पिटल की निगरानी में विग तैयार किए जाते हैं। विग बनाने के लिए 12 इंच से लंबे बाल चाहिए होते हैं। रीना शाही ने अपने 15 इंच से लंबे बाल दान किए हैं।