उत्तराखंड उत्तरकाशीUttarkashi Barahat Ku Tholu Magh Mela

अद्भुत उत्तराखंड की अनूठी परंपरा है ‘बाड़ाहाट कु थौलू’, यहां सीटी बजाने पर दर्शन देते हैं देवता

माघ मेले के दौरान भक्त हरि महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आह्वाहन फूल-धूप से नहीं बल्कि सीटी बजाकर करते हैं।

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Image: Uttarkashi Barahat Ku Tholu Magh Mela (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की लोक परंपराएं और यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले मेले हजारों साल का इतिहास खुद में समेटे हुए हैं। यह मेले हमें हमारी परंपराओं से जोड़ते हैं, और कई बार हमें खुद के भीतर झांकने का मौका भी देते हैं।

Uttarkashi Barahat Ku Tholu Magh Mela

उत्तरकाशी में भी इन दिनों प्रसिद्ध माघ मेले (बाड़ाहाट कु थौलू) का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले की धार्मिक मान्यताएं हैं और ऐतिहासिक भी। जो बात इस मेले को सबसे खास बनाती है, वो यह है कि मेले के दौरान भक्त हरि महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आह्वाहन फूल-धूप से नहीं बल्कि सीटी बजाकर करते हैं, ऐसा क्यों ये जानने के लिए हमारे साथ बने रहें। यह मेला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। मेले का ऐतिहासिक पहलू भी रहा है, क्योंकि ये मेला भारत और तिब्बत के व्यापार का साक्षी रहा है। ग्रामीणों के आराध्य हरि महाराज हरिगिरी पर्वत पर कुज्ब नामक जगह में निवास करते हैं। हरि महाराज भगवान के बारे में कहा जाता है कि वो शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का स्वरूप हैं। आगे पढ़िए

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हरि महाराज के भाई को हुणेश्वर देव कहा जाता है। कहते हैं कि प्राचीन काल में यह दोनों भाई सीटी बजाकर एक-दूसरे को संकेत देते थे। तब से लेकर आज तक यहां भगवान को प्रसन्न करने लिए सीटी बजाने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि बिना सीटी बजाए हरिमहाराज अपने पाश्वा पर अवतरित नहीं होते, ग्रामीण श्रद्धालु सीटी बजाकर ही अपने देव को प्रसन्न करते हैं। माघ मेले के दौरान बाड़ागड़ी पट्टी के अराध्य देव हरिमहाराज की झांकी निकली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने सीटी बजाकर अपने अराध्य देव को प्रसन्न किया और शोभा यात्रा निकाल कर चमाला की चौंरी में पहुंचे। वहां ग्रामीणों ने विधि-विधान से अपने आराध्य की पूजा की, रासों नृत्य भी किया। माघ मेले में बाड़ागड़ी के मुस्टिकसौड़, कुरोली, बोंगाड़ी, कंकराड़ी, मस्ताड़ी, बोंगा, भेलुड़ा, डांग, पोखरी, कंसैंण, कोटियाल गांव, लदाड़ी और जोशियाड़ा समेत कई गांवों के श्रद्धालु मौजूद रहे।