देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ों को साफ-सुथरा रखने के लिए प्लास्टिक पर बैन हो रखा है और इन्हीं दिनों पर्यटकों की आमद से उत्तराखंड गुलजार है और लगभग सभी पर्यटन क्षेत्र पर्यटकों की वजह से फुल पैक हो रखे हैं।
Dustbin mandatory in tourist vehicle in Uttarakhand
ऐसे में अगर आप अपने परिवार के साथ में उत्तराखंड आने का प्लान बना रहे हैं तो जरा अपने दिमाग में यह भी प्लान बना ले कि आपको अपना कूड़ा कहां पर से करें क्योंकि सड़कों पर कूड़ा फेंकने पर आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है। इसी वजह से गाड़ी में पोर्टेबल डस्टबिन लगवा लीजिए नहीं तो ऐसा भी पॉसिबल है कि उत्तराखंड में आपको एंट्री ना मिले। जी हां, नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में आने वाली हर गाड़ी में पोर्टेबल डस्टबिन लगाने के निर्देश दे दिए हैं। दरअसल पर्यटन सीजन में पहाड़ों पर भारी संख्या में पर्यटक अपने परिवार और दोस्तों के साथ में छुट्टियां बिताने और समय व्यतीत करने आते हैं। आगे पढ़िए
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पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होने से जहां एक ओर पर्यटन में तो चार चांद लग जाते हैं वही पहाड़ों का सत्यानाश हो जाता है। जगह-जगह पर कूड़े के पैकेट्स, खाने पीने की चीजों के रैपर वगैरह पड़े हुए दिखाई देते हैं जिससे पहाड़ों में गंदगी फैलती है और पर्यावरण दूषित होता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में आने वाली हर गाड़ी में पोर्टेबल डस्टबिन लगाने के निर्देश दे दिए हैं और कमिश्नर कुमाऊं और गढ़वाल से कोर्ट ने कहा कि पूर्व के आदेशों का पालन करते हुए सभी जगहों पर सॉलि़ड वेस्ट फैसिलिटी का संचालन सुनिश्चित करें। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए अधिकारियों को कागजों पर नहीं बल्कि फील्ड पर काम करने की हिदायत दी है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि हर राज्य में आने वाले सभी पर्यटकों को टैक्सी और प्राइवेट वाहनों में उत्तराखंड आने के दौरान पोर्टेबल डस्टबिन लाना होगा। इसके लिए सरकार निर्णय लेकर अगली तारीख तक कोर्ट में जवाब दे। वहीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सभी कंपनियों को आदेश दिया है कि वो प्रदूषण बोर्ड में 15 दिनों के भीतर अपना रजिस्ट्रेशन करें। कोर्ट ने उत्तराखंड के साथ दूसरे राज्यों में काम कर रही कंपनियों से पूछा है कि उनका कचरा उठाने के लिए क्या प्लान है वह भी बोर्ड के साथ शेयर करें।