उत्तराखंड देहरादून31 school vehicles seized in Uttarakhand challans of 215 vehicles

उत्तराखंड में बच्चों की जान से खेलती स्कूल बसें! 31 गाड़ियां सीज..215 के कटे चालान

स्कूल वाहनों की चेकिंग की गई। अभियान में 215 वाहनों के चालान काटे गए जबकि 31 वाहन सीज किए गए।

school vehicles seized in Uttarakhand: 31 school vehicles seized in Uttarakhand challans of 215 vehicles
Image: 31 school vehicles seized in Uttarakhand challans of 215 vehicles (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में इन दिनों संभागीय परिवहन विभाग की टीम शहर में नियम तोड़ने वाले स्कूल वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है।

school vehicles seized in Uttarakhand

इस अभियान के तहत उन स्कूल वाहनों पर कार्यवाही हो रही है जो कि ओवरस्पीडिंग या ओवरटेकिंग के चक्कर में नियम तोड़ रहे हैं। इस दौरान परिवहन विभाग की टीम को कुछ स्कूल वाहन ऐसे मिले, जहां फर्स्ट एड बॉक्स तो थे, लेकिन कुछ दवाइयां एक्सपायरी डेट की थीं। और तो और कुछ स्कूल वाहनों के ड्राइवरों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था। दरअसल बुधवार को राजपुर रोड, सहस्त्रधारा रोड, चकराता रोड और हरिद्वार रोड समेत विभिन्न क्षेत्रों में स्कूल वाहनों के खिलाफ अभियान चला। आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि इस दौरान विभाग ने एक-एक वाहन की चेकिंग की गई तो कुछ वाहनों का टैक्स जमा नहीं था। हालांकि, सभी वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स मिले, लेकिन कुछ दवाइयां एक्सपायरी डेट की मिलीं। कुछ वाहन ऐसे भी थे, जिन खिड़कियों में जालियां नहीं लगी थीं। कुछ ड्राइवरों के पास लाइसेंस नहीं था। इस अभियान में 215 वाहनों के चालान काटे गए जबकि 31 वाहन सीज किए गए।

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आरटीओ शैलेश तिवारी ने बताया कि देहरादून संभाग के ऋषिकेश, विकासनगर, रुड़की, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी के पूरे संभाग में 215 वाहनों के चालान किए गए। जबकि 31 वाहन सीज किए गए। दरअसल उत्तराखंड में संचालित होने वाले स्कूल वाहनों के लिए निर्धारित मानक हैं। सबसे पहला तो यह कि वाहनों की खिड़कियों में जालियां लगी हों। ऐसे वाहनों में फर्स्ट बॉक्स और अग्निशमन यंत्र हों। सीट सही दिशा में हों। वाहन ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस हो। वाहन निर्धारित गति पर चलाए जाने चाहिए। इसको सुनिश्चित करने के लिए स्पीड गर्वनर लगे हों। सुरक्षा के लिए बंद दरवाजे होने चाहिए। शैलेश तिवारी ने बताया कि बच्चों की स्कूल बसों और अन्य वाहनों के संचालन में आ रही शिकायतों की वजह से यह अभियान चलाया गया है। आज भी यह अभियान जारी रहेगा।