उत्तराखंड नैनीतालDFO Kishan Chand Ranger JS Suhag Corruption News Uttarakhand

उत्तराखंड में जंगल के अधिकारियों ने कर दिया बड़ा खेल, ये तो रियल लाइफ ‘पुष्पा’ निकले

वर्ष 2019 में टाइगर सफारी के लिए अवैध तरीके से पेड़ काटने और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण की शिकायत मिली थी।

uttarakhand dfo ranger jungle: DFO Kishan Chand Ranger JS Suhag Corruption News Uttarakhand
Image: DFO Kishan Chand Ranger JS Suhag Corruption News Uttarakhand (Source: Social Media)

नैनीताल: पुष्पा फिल्म देखी है आपने? लकड़ियों की तस्करी, महंगी लकड़ियों को डंप कर देना…और न जाने क्या क्या इस फिल्म में जंगल माफियाओं के बारे में बताया गया है। ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में हुआ है।

DFO Kishan Chand Ranger JS Suhag Corruption

हल्द्वानी में अवैध तरीके से पेड़ काटने और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण मामले में पूर्व डीएफओ किशन चंद और रेंजर बृजबिहारी को लेकर नया खुलासा हुआ है। विजिलेंस की जांच में पता चला है कि बृजबिहारी ही डीएफओ के आदेश पर सोना नदी रेंज व पाखरो दोनों रेंजों की कमान संभाल रहा था, ताकि सच छिपाया जा सके। मामला कार्बेट नेशनल पार्क के पाखरों रेंज से जुड़ा है। यहां वन विभाग ने 106 हेक्टेयर में टाइगर सफारी के लिए बाड़ों का निर्माण व अन्य काम कराए थे। इस दौरान वर्ष 2019 में टाइगर सफारी के लिए अवैध तरीके से पेड़ काटने और बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण की शिकायत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को मिली थी। एनटीसीए ने जांच की तो कई गड़बड़ियां मिलीं, जिसके बाद पाखरो के वन क्षेत्राधिकारी बृजबिहारी शर्मा को निलंबित कर दिया गया। बाद में कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद व तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग को निलंबित किया गया।

ये भी पढ़ें:

वर्तमान में किशन चंद और जेएस सुहाग दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बाद में सीटीआर के निदेशक राहुल भी वन मुख्यालय से संबद्ध कर दिए गए, इतना ही नहीं विभाग के तत्कालीन मुखिया राजीव भरतरी और प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव अनूप मलिक को भी शासन ने नोटिस जारी किए गए थे। विजिलेंस की जांच में पता चला कि डीएफओ किशन चंद व बृजबिहारी ही पूरे मामले के सूत्रधार हैं। विजिलेंस के अनुसार जुलाई 2021 में मोरघट्टी वन विश्राम गृह में भवन व सड़क-पुलिया का निर्माण किया गया। बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के कई काम कराए गए। निर्माण कार्य में आड़े आ रहे 163 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी। लेकिन वनाधिकारियों ने अपनी जेब भरने के लिए 163 के बजाय 6200 पेड़ों पर आरी चला दी। इधर, डीएफओ किशन चंद की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस ने उसका स्टे खारिज करने के लिए हाइकोर्ट में आवेदन कर दिया है। डायरेक्टर विजिलेंस अमित सिन्हा ने बताया कि हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस वन विभाग मामले की जांच कर रही है। जिसमें कई नए तथ्य सामने आए हैं।