उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Inspector Recruitment Scam Whitener in OMR Sheet

उत्तराखंड दरोगा भर्ती घोटाले का बड़ा सबूत, OMR शीट पर व्हाइटनर के सफेद निशान

Uttarakhand daroga bharti Scam में नरेंद्र सिंह जादौन विजिलेंस के रडार पर हैं। वो फरवरी तक रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही घोटाले का कलंक लग गया। अब उनका जेल जाना तय है।

uttarakhand daroga bharti scam: Uttarakhand Inspector Recruitment Scam Whitener in OMR Sheet
Image: Uttarakhand Inspector Recruitment Scam Whitener in OMR Sheet (Source: Social Media)

देहरादून: साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती में धांधली (Uttarakhand daroga bharti Scam) को लेकर 12 नकल माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। विजिलेंस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि विजिलेंस को दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी मिली है।

Uttarakhand Inspector Recruitment Scam

ओएमआर शीट पर गोल घेरों में कई जगह व्हाइटनर के सफेद निशान हैं। जिससे गड़बड़ी की ओर इशारा हो रहा है। दस्तोवजों का भौतिक सत्यापन अभी जारी है। मामले में सबसे बड़ा हथियार ओएमआर शीट है। इस मामले में जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के डीन नरेंद्र सिंह जादौन विजिलेंस के राडार पर हैं। विजिलेंस उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है, कुछ सबूत भी विजिलेंस के हाथ लगे थे। प्रारंभिक जांच में ये भी पता चला है कि पंतनगर विश्वविद्यालय में नकल माफिया की घुसपैठ पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर दिनेश चंद्र जोशी ने कराई। प्रोफेसर नरेंद्र सिंह जादौन की कमजोर नब्ज को टटोलकर उनकी इच्छानुसार सेवाएं मुहैया कराई गई। इसके अलावा लाखों रुपये का खेल चला। आगे पढ़िए

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अभ्यर्थियों से मिले रुपयों का हिस्सा कई उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचा। प्रोफेसर नरेंद्र सिंह जादौन फरवरी तक रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही घोटाले का कलंक लग गया। उनका जेल जाना तय है। विजिलेंस डायरेक्टर अमित सिन्हा का कहना है कि दरोगाओं के विरुद्ध यथाशीघ्र प्राथमिकी की जाएगी। विजिलेंस दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कर रही है। आरोपी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर ने वर्ष 2015 में उत्तराखंड पुलिस की दरोगा भर्ती कराई थी। इस दौरान 339 युवा उत्तीर्ण हुए थे। जिसमें कुमाऊं के 129 और गढ़वाल के 210 अभ्यर्थी शामिल थे। बीते दिनों वीपीडीओ पेपर लीक मामले में नकल माफिया हाकम सिंह, चंदन मनराल, सादिक मूसा, केंद्र पाल व परीक्षा के लिए अधिकृत दिनेश चंद्र जोशी की गिरफ्तारी पर दरोगा भर्ती घोटाले से पर्दा हट गया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी है। दरोगा भर्ती घोटाले Uttarakhand daroga bharti Scam में 12 नकल माफियाओं पर प्राथमिकी हो गई है, लेकिन नियुक्ति पाने वाले दरोगाओं के नाम सामने आना अभी बाकी है।