देहरादून: उत्तराखंड का मसूरी क्षेत्र। यहां एक स्कूल है वाइनबर्ग ऐलन स्कूल...कहने को ये स्कूल दूसरे स्कूलों की ही तरह है, लेकिन यहां के छात्र बेहद खास हैं।
Mussoorie Wynberg Allen School student Money Donation
ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कूल के छात्रों ने एक युवक को न सिर्फ खुद के पैरों पर चलना सिखाया, बल्कि उसे जिंदगी को फिर से जीने का हौसला भी दिया। मसूरी में रहने वाला पीड़ित 21 वर्षीय अरविंद गुब्बारे बेचकर अपने परिवार को पाल रहा था। एक दिन गुब्बारे में हाइड्रोजन सिलेंडर भरने वाला उसका सिलेंडर फट गया। हादसे में अरविंद घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। जब युवक की अस्पताल में आंख खुली तो उसने देखा कि उसका एक पैर काट दिया गया है। ये देखकर युवक के मन में जीने की इच्छा खत्म हो गई। ऐसे वक्त में वाइनबर्ग ऐलन स्कूल के छात्र फरिश्ता बनकर अरविंद की मदद को आगे आए।
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अरविंद को नई जिंदगी देने और उसे मैकेनिकल पैर लगाने के लिए स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपनी पॉकेट मनी से पैसे इकट्ठा किए। छात्र-छात्राओं ने 1.54 लाख रुपये इकट्ठा कर अरविंद को मैकेनिकल पैर लगवाया। पैर लगने के बाद विकंलाग अरविंद फिर से चल फिर सकता है। स्कूल के प्रिंसिपल एल. टिंडेल ने बताया कि जब स्कूल के छात्रों को अरविंद के बारे में पता लगा तो उन्होंने उससे मुलाकात कर उसका आत्मविश्वास बढ़ाया। इसके बाद अरविंद का मैकेनिकल पैर लगाने के लिए पॉकेट मनी से पैसे एकत्रित किए गए। इस काम में छात्रों के परिजनों ने भी मदद की। पीड़ित अरविंद कुमार ने कहा कि वो जीने की उम्मीद खो चुका था, लेकिन स्कूल के बच्चों ने मैकेनिकल पैर लगवाकर उन्हें जीने की नई वजह दी है। नया पैर लगने से अरविंद खुश है और उसकी खुशी देखकर सभी छात्र भी खुश हैं। स्कूली छात्रों के इस काम की पूरे मसूरी में प्रशंसा हो रही है। लोग इन मददगार छात्रों को सलाम कर रहे हैं।