देहरादून: कोरोना के बाद से ही महंगाई आसमान छू रही है। बीते एक सालों में महंगाई का असर खाने-पीने की वस्तुओं के साथ ही बिल्डिंग निर्माण सामग्रियों पर भी पड़ा है।
Building house in Uttarakhand becomes costlier
ईंट, रेत सीमेंट सरिया से लेकर अन्य सामग्री के दाम बढ़ गए हैं और दाम बढ़ने से निर्माण की लागत 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जहां एक ओर केंद्र सरकार महंगाई दर में कमी आने का दावा कर रही है तो वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। केवल खाने-पीने की वस्तुएं ही नहीं बल्कि मकान बनाने के लिए जरूरी सामग्री भी महंगी हो गई है। ईंट, रेत, सीमेंट, सरिया से लेकर अन्य सामग्री के दाम बढ़ने से निर्माण की लागत 30 से 35 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इस तीव्र उछाल की वजह से कुछ निर्माण कार्यों को होल्ड पर कर दिया गया है।
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वहीं दूसरी ओर ठेकेदारों के लिए पुराने रेट पर काम करना संभव नहीं हो रहा और निर्माण कराने वालों का बजट हिला हुआ है और बढ़े हुए दाम चुकाने की स्थिति में वे नहीं हैं। एक वर्ष पहले जो सरिया 5800 से लेकर 7500 रुपये क्विंटल बिक रहा था। एक माह में इसकी कीमत में 18 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है। इसी तरह ईंट के भाव 10 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए छह हजार के करीब पहुंच गए हैं। सीमेंट 22 प्रतिशत तक महंगा हुआ है और रेत के दाम में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं बिल्डरों का कहना है कि एक वर्ष पहले तक एक हजार वर्ग फीट का मकान 10 से 11 लाख रुपये तक में बनकर तैयार होता था, अब उसकी लागत 14 लाख या उससे ऊपर पहुंच रही है।