उत्तराखंड रुद्रप्रयाग7 colored Buransh were fed In Rudraprayag Pithoragarh

रुद्रप्रयाग-पिथौरागढ़ के जंगलों में खिले 7 रंग के बुंराश, ये है कई गंभीर बीमारियों का इलाज

पिथौरागढ़ के Munsiyari और रुद्रप्रयाग के Chopta के जंगलों में खिले सात रंग के बुरांश,पर्यटकों के बीच बने आकर्षण का केंद्र

Chopta Buransh: 7 colored Buransh were fed In Rudraprayag Pithoragarh
Image: 7 colored Buransh were fed In Rudraprayag Pithoragarh (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: बसंत ऋतु की बात ही हो और उत्तराखंड का जिक्र न हो यह मुमकिन नहीं है। यह सीजन ही कुछ ऐसा है। इस ऋतु के आते ही पहाड़ों की खूबसूरती जैसे अचानक ही बढ़ जाती है। माघ, फागुन, चैत्र, वैशाख के महीनों में यहां मौसमी फलों-फूलों आदि की प्रचूरता बढ़ जाती है। पेड़ों पर रंगबिरंगे फूलों को देख मन खुश हो जाता है।

Chopta Munsiyari 7 Color Buransh

इन्हीं महीनों में खिलता है उत्तराखंड का मशहूर मौसमी फूल ‘बुरांश’। पहाड़ मार्च और अप्रैल के महीनों में इसके फूलों के रंग से रंग जाते हैं। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और रुद्रप्रयाग के चोपता के जंगलों में इन दिनों पर्यटकों का जमावड़ा लग रखा है और इन जंगलों में खिले सात रंग के बुरांश के फूल आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं। सात रंग के बुरांश के फूल यहां की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं और लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यूं तो बुरांश का फूल आपने केवल लाल रंग का देखा होगा। आमतौर पर पर्वतीय राज्यों में यह केवल लाल रंग में ही मिलता है लेकिन 7 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित मुनस्यारी में प्रकृति मेहरबान है और यही वजह है कि यहां सात रंग के बुरांश खिलते हैं। यहां सिर्फ लाल रंग के नहीं, सुर्ख गुलाबी, हल्की गुलाबी, पीले, सफेद समेत सात अलग-अलग रंग के बुरांश दिख जाएंगे। यही फूल आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं।

ये भी पढ़ें:

दूरदराज से आए प्रकृति, पर्यटन और पुष्प प्रेमी प्रकृति के इस अनोखे नजारे को देखने आ रहे हैं। मुनस्यारी के खलिया, मर्तोली, बलाती, हरकोट के जंगलों में बुरांश के सात रंग के फूल खिले हैं और इन्हें देखने दूर-दूर से पर्यटक पहुंच रहे हैं। बुरांश का पौधा 1500-3600 मीटर की ऊंचाई पर उगता है। यह 20 मीटर तक ऊंचा होता है। इसकी दो प्रजातियां पहाड़ों में इन दिनों खिली हुई हैं। एक लाल और दूसरी सफेद।

health benefits of buransh

सफेद बुरांश को आमतौर पर प्रयोग में कम लाया जाता है, लेकिन लाल बुरांश का प्रयोग पहाड़ों में बहुत ज्यादा किया जाता है। लाल बुरांश से बना हुआ शरबत हृदय रोग के लिए रामबाण माना जाता है। यह सदाबहार वृक्ष है और इसके फूल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं। बुरांश के फूल की पंखुड़ियों को लिवर, किडनी रोग, खूनी दस्त आदि बीमारियों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है।