उत्तराखंड देहरादूनKnow all about Dehradun Neo Metro Project

देहरादून में 1600 करोड़ की लागत से दौड़ेगी नियो मेट्रो, जानिए कहां-कहां बनेंगे मेट्रो स्टेशन

केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद साढ़े तीन साल में राजधानी Dehradun के अलग-अलग रूटों पर Neo Metro चलने लगेगी।

Dehradun Neo Metro Project: Know all about Dehradun Neo Metro Project
Image: Know all about Dehradun Neo Metro Project (Source: Social Media)

देहरादून: देहरादून के निवासी आने वाले वक्त में मेट्रो नियो में सफर का आनंद ले सकेंगे। केंद्र सरकार कम आबादी वाले शहरों में मेट्रो नियो ट्रेन चलाने की तैयारी कर रही हैं। देहरादून में भी तैयारियां पूरी हैं। यूकेएमआरसी की ओर से सबसे पहले देहरादून में दो रूटों पर मेट्रो नियो का संचालन किया जाएगा।

Dehradun Neo Metro Project

केंद्र की हरी झंडी मिलते ही प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा। साढ़े तीन साल में राजधानी देहरादून के अलग-अलग रूटों पर मेट्रो नियो चलने लगेगी। यह करीब 1600 करोड़ का प्रोजेक्ट है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) की ओर से सबसे पहले देहरादून में दो रूटों पर मेट्रो नियो का संचालन किया जाएगा।

Dehradun Neo Metro First Route

पहला रूट आईएसबीटी से गांधी पार्क तक है। जिसकी लंबाई करीब 8.523 किलोमीटर है। इस रूट पर दस स्टेशन बनेंगे। आईएसबीटी, सेवला कलां, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, देहरादून रेलवे स्टेशन, देहरादून कचहरी, घंटाघर और गांधी पार्क में स्टेशन बनाए जाएंगे।

Dehradun Neo Metro Second Route

दूसरा रूट एफआरआई से रायपुर है। जो कि 13.901 किलोमीटर है। यहां एफआरआई, बल्लूपुर चौक, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, मल्होत्रा बाजार, घंटाघर, सीसीएमसी, आराघर चौक, नेहरू कालोनी, विधानसभा, अपर बद्रीश कालोनी, अपर नत्थनपुर, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हाथीखाना चौक और रायपुर समेत 15 जगहों पर स्टेशन बनाए जाएंगे। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने शहर में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर राज्य सरकार से मुहर लगने के बाद केंद्र को भेज दिया गया है।

Dehradun Neo Metro Detail

मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होते हैं। सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा। इसमें ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, जिससे स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी। नियो मेट्रो के लिए आईएसबीटी से घंटाघर रूट को तैयार करने के लिए यूकेएमआरसी को 1.58 हेक्टेयर सरकारी और 1.18 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जबकि एफआरआई से रायपुर रूट पर यूकेएमआरसी को 5.08 हेक्टेयर सरकारी और 1.38 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की जरूरत होगी। मेट्रो नियो यात्रियों को 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी ने बताया कि फिलहाल यह प्रस्ताव केंद्र के पास है। केंद्र की मंजूरी मिलते ही प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा।