देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। प्रचार-प्रसार भी बंद हो गया है। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के दौरान अपने पार्टी के एक अहम सदस्य Trivendra Singh Rawat को बिल्कुल दरकिनार कर दिया। उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा अपने इस मुख्य सदस्य को चुनाव प्रचार-प्रसार में इस्तेमाल करेगी मगर पार्टी ने उनको इतनी अहमियत नहीं दी है। मगर अब पार्टी को उनकी याद आ रही है और उनसे मिलने कई बड़े नेता पहुंच रहे हैं। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड में अहम भूमिका निभाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत की। त्रिवेंद्र सिंह रावत वह बड़ा नाम हैं जिनके बिना उत्तराखंड की राजनीति के बारे में जिक्र करना अन्याय होगा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में भाजपा के लिए तन, मन और धन से काम किया है और पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाया है। मगर अब जब वे सीएम नहीं है तो भाजपा को भी उनकी कदर नहीं है और यही कारण है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत का प्रचार प्रसार में इस बार इस्तेमाल किया ही नहीं गया। दूसरे शब्दों में कहें तो पार्टी ने उनको इतनी अहमियत नहीं जितनी उन्हें मिलनी चाहिए थी। मगर अब जब मतदान खत्म हो गए हैं तो पार्टी के नेताओं को अचानक ही त्रिवेंद्र सिंह रावत की याद आई है और वे उनके घर पर पहुंच रहे हैं। आगे पढ़िए
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भले ही उनको चुनाव में तवज्जो ना दी हो लेकिन मतदान के बाद कई बड़े नेता मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर पहुंच रहे हैं और सियासी गलियारे में इसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। 2 दिन पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनसे निजी आवास पर मुलाकात की थी और वहां पर दोनों की कई घंटों तक बात हुई थी। वहीं मंगलवार को अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत और देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की है। चुनाव परिणाम आने से पहले भाजपा के बड़े नेता जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर पर पहुंच रहे हैं उससे राजनीतिक सरगर्मियां तो बढ़ गई हैं बल्कि इसके साथ ही सियासी गलियारों में भी अलग अलग तरह की अफवाहें उड़ रही हैं और इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने के बाद जब प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से इस मुलाकात के बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने कुछ भी जवाब नहीं दिया। धन सिंह रावत ने भी मीडिया से दूरी बना ली। अब यह चर्चा का विषय इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्यादा अहमियत नहीं दी और मतदान के बाद अब अचानक ही भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता Trivendra Singh Rawat के घर पर पहुंच रहे हैं।