देहरादून: अगर आप भी दिल्ली गए हैं तो मेट्रो में जरूर सफर किया होगा। मेट्रो जैसी सुविधा हर शहर के लिए महत्वपूर्ण है। कभी आपने यह सोचा है कि उत्तराखंड में भी मेट्रो होनी चाहिए। अगर हां, तो आपका यह सपना जल्द ही पूरा होने जा रहा है। जी हां, उत्तराखंड में भी जल्द ही मेट्रो दौड़ती हुई दिखाई देगी। हम बात कर रहे हैं राजधानी देहरादून की जहां पर जल्द ही आने वाले सालों में मेट्रो दौड़ती हुए नजर आएगी।
Dehradun Neo Metro peoject
प्रदेश सरकार ने देहरादून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। अब केंद्र की अंतिम मंजूरी के बाद करीब पांच साल बाद देहरादून के इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद जगी है। प्रदेश सरकार लंबे समय से देहरादून में मेट्रो चलाने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए 2016 में बकायदा मेट्रो कारपोरेशन का गठन करते हुए शीर्ष स्तर के अधिकारियों की तैनाती हो चुकी है। अब कई दौर के मंथन और डीपीआर पर विचार करने के बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार नियो मेट्रो के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार प्रथम चरण में केंद्र सरकार के साथ पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाना चाहती है। दूसरे चरण में देहरादून को मेट्रो के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा।
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इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1600 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। राज्य सरकार इसके लिए लोन लेगी। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, सरकार जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही करेगी।
Dehradun Neo Metro Route
पहला रूट एफआरआई से रायपुर (13.9 किमी) का है। इसमें एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर स्टेशन होंगे।दूसरा रूट आईएसबीटी से गांधी पार्क (दूरी 8.5 किमी) का है। इसमें आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट स्टेशन होंगे। पहले आईएसबीटी रूट के ट्रैक को जाखन तक ले जाने का प्लान था। लेकिन राजपुर रोड पर जमीन अधिग्रहण में ज्यादा दिक्कतों के चलते प्रथम चरण में इस रूट को गांधी पार्क तक सीमित किया गया है। गांधी पार्क में यह ट्रैक एफआरआई-रायपुर रोड ट्रैक में मिल जाएगा। नियो मेट्रो की लागत मूल मेट्रो के मुकाबले करीब एक हजार करोड़ रुपये कम आ रही है। केंद्र सरकार भी छोटे शहरों में नियो मेट्रो बनाने पर ही जोर दे रही है।