देहरादून: वोटिंग की तिथि नजदीक आने के साथ ही बगावत के सुर मुखर होने लगे हैं। बागी हो चुके कई पूर्व नेता बीजेपी और कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं। इन दोनों ही पार्टियों के सामने बगावत को रोकना किसी चुनौती से कम नहीं है। बीजेपी जहां बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने में थोड़ा झिझक रही है तो वहीं कांग्रेस ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। बीते दिनों कांग्रेस ने बगावत करने वाले कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब एक बार फिर कांग्रेस ने दो पूर्व विधायकों समेत 6 नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और विधानसभा चुनाव में पार्टी अनुशासन के खिलाफ काम करने का आरोप लगा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। जिन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें पूर्व विधायक तसलीम अहमद और पूर्व विधायक नारायण राम आर्य शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव के निर्देश पर यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र से पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवं एआईसीसी सदस्य हंसपाल बिष्ट, सुनील वरूण, वरदेव सिंह, उर्वीदत्त गुरूली को पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं अनुशासनहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
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तसलीम अहमद के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी हरिद्वार की शिकायत पर कार्रवाई की गई। जबकि नारायण राम आर्य के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी पिथौरागढ़ ने शिकायत की थी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी ने दोनों पूर्व विधायकों को पार्टी से बाहर किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक अनुशासित संगठन है। अगर इसमें अनुशासनहीनता होती है तो उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जो भी पार्टी अनुशासन की लाइन पार करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। पार्टी ने सभी जिला एवं शहर अध्यक्षों को भी निर्देश दिये हैं कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाए। जिन दो विधायकों के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की गई, उन पर भी अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे.
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