रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा सीट पर व्यापार संघ का क्या कहना है, यह हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल केदारनाथ व्यापार संघ अध्यक्ष चंडी प्रसाद तिवारी ने स्थानीय जनता से एक खास अपील की है। उन्होंने लिखा है कि "श्री केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के सम्मानित तीर्थ पुरोहित समाज श्री केदारनाथ जी के व्यापारी भाइयों एवं संयुक्त व्यापार संघ केदारनाथ से तिलवाड़ा के समस्त व्यापारी भाइयों जैसे कि आगामी 14 फरवरी को उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं तो मुख्य पार्टियां बीजेपी कांग्रेस तीसरा दल आम आदमी पार्टी छोटे दल एवं निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं । वैसे तो हम केदार घाटी के लोग सदा ही बीजेपी के साथ रहे हैं लेकिन बीजेपी के प्रतिनिधि फूल माला पहनने तक ही सीमित रहे एवं चाचा भतीजे वाद की राजनीति तक ही सीमित रहें इसका परिणाम यह हुआ कि उस समय की विधायिका आशा नौटियाल दोबारा से उभर नहीं पाई पुनः कांग्रेश की सैला रानी रावत को हम लोगों ने मौका दिया था लेकिन बाद में इन्होंने कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी की सरकार त्रिवेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदेश की सत्ता में आई और आते ही इन्होंने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया था जैसे कि किसी टीचर मैडम से अभद्र बातें करके उनकी समस्या न सुनना और उनको नौकरी से निकाल देने की धमकी हो , स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बगैर ही चार धाम देवस्थानम बोर्ड थोपना यह प्रमुख विकास त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने किया आदरणीय मतदाता माता बहन भाइयों क्षेत्र के 85 परसेंटेज लोग श्री केदारनाथ यात्रा पर निर्भर रहते थे लेकिन 2013 में आई हुई महा विनाशकारी बाढ़ में क्षेत्र के लोगों को जन हानि के अलावा अपनी दुकान मकानों का नुकसान झेलना पड़ा था जिस कारण आज भी स्थानीय व्यापारी, संयुक्त व्यापार मंडल के व्यापारी, जो लोग केदारनाथ से गौरीकुंड के बीच अपना व्यवसाय चलाते थे ऐसे रास्ते मैं व्यापार करने वाले व्यापारी, आज भी दर-दर भटक रहे हैं 60 सीट जीतने वाली बीजेपी भी इनके लिए डबल इंजन की सरकार होते हुए भी कुछ नहीं कर पाई है । मोदी जी के नाम पर बीजेपी वोट बटोरना चाह रही है हम जरूर मोदी जी का सम्मान करते हैं लेकिन मोदी जी से पूछना चाहते हैं कि 7 साल से भी अधिक समय आपकी सरकार को केंद्र में हो गया है और 5 साल आपकी सरकार उत्तराखंड राज्य में रही है इसके बावजूद भी केदारनाथ की जनता क्यों दर-दर भटक रही है क्यों इनको 2 साल 3 दिन तक सड़कों पर उतर कर जुलूस प्रदर्शन करने पड़े थे आप केदारनाथ बद्रीनाथ में विकास कार्य कीजिए हम विकास कार्यों के बिल्कुल भी विरोधी नहीं है लेकिन विकास कार्यों की चपेट में जो वहां की जनता दब रही है क्या उसको पहले पेट की आग को बुझाने के लिए रोजगार नहीं चाहिए था , भाई पेट में आग लगी हो तो विकास का हम क्या करें पहले तो आपको चाहिए था कि वहां पर लोगों की समस्या सुने उनकी पीड़ा को समझें उनके पेट की भूख को शांत करने के लिए उन को रोजगार देते बाद में यह विकास कार्य करते! इससे अच्छा तो कांग्रेस की सरकार जो कि हरीश रावत जी के नेतृत्व में बनी थी उस समय व्यापारियों के आंसू पहुंचने का काम किया था साथ ही एक एक लाख रुपैया आपदा पीड़ितों को भी दिया था संयुक्त व्यापारियों का 80 परसेंट मुआवजा हरीश रावत सरकार ने देने की घोषणा की थी जिसका की 40% मुआवजा तत्काल ही दे दिया गया था और 40% ओ महोदय ने का जिओ निकाला गया था इसी बीच बगावती विधायकों ने हरीश रावत की सरकार को गिरा दिया था इसके बाद बीजेपी सत्ता में आई लेकिन 40% जो शेष है उसको देने की बीजेपी ने बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखाई मजबूर होकर के संयुक्त व्यापार मंडल केदारनाथ से तिलवाड़ा तक के व्यापारी न्यायालय की शरण में गए और न्यायालय द्वारा सरकार को व्यापारियों की शेष 40% राशि देने को कहा गया है जिसको देने में बीजेपी का तानाशाही रवैया सामने आ रहा है। कुल मिलाकर के बीजेपी लोगों को रोजी रोटी नहीं दे पाई है साथ ही इन्होंने लोगों के हक हकूक छीनने का काम किया है यदि इन्होंने देवस्थानम बोर्ड वापस ले लिया है तो कोई आसान नहीं किया है क्योंकि देवस्थानम बोर्ड दो इन्होंने ही स्थानीय जनता पर थोपा था जिसका की मनोज रावत ने हमारे साथ पुरजोर विरोध किया और हमारे साथ सड़क पर आए हमारे साथ जेल भी गए थे बीजेपी के कोई भी कार्यकर्ता हो कोई बड़ा नेता हो कोई स्थानीय पदाधिकारी हो हमारे बीच कभी नहीं आए इसलिए मैं क्षेत्र की जनता एवं बीजेपी के वे सदस्य जिन्होंने केदारनाथ जी में बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और आज यह सोच रहे हैं कि किसको वोट दें तो जिस मनोज रावत ने हमारा साथ दिया हमारी आवाज उठाई और जिस कांग्रेस सरकार ने आपदा के समय हमारे आंसुओं को पौंछने का काम किया था हमें उन्हें नहीं भूलना चाहिए यही सनातन धर्म की मर्यादा है। आशा है कि हम अपने क्षेत्र से मनोज रावत को अपना कीमती बोट आशीर्वाद के रूप में देने का कष्ट करें।"