देहरादून: आगामी चुनाव में धनबल का दुरुपयोग रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रदेश के बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाई गई है। चेकिंग के दौरान अब तक करोड़ों के नशीले पदार्थ और नगदी जब्त की गई है। इस बार 2017 के मुकाबले अब तक दोगुनी रकम और शराब पकड़ी गई, जबकि चुनाव में अभी छह दिन बाकी हैं। प्रदेश की 7 हाईप्रोफाइल विधानसभा सीटें भी चुनाव आयोग के रडार पर हैं। आशंका है कि यहां प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए पैसे का खेल कर सकते हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने मीडिया सेंटर में हुई प्रेस कांफ्रेस में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोग ने अपने सर्वे के बाद ऐसी सात विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है। जहां धनबल के इस्तेमाल की संभावना है। इनमें कुमाऊं की सितारगंज, काशीपुर, बाजपुर, हल्द्वानी और लालकुआं सीट शामिल हैं, जबकि गढ़वाल मंडल की चकराता व हरिद्वार सीट शामिल हैं। इन सीटों पर कौन-कौन प्रत्याशी हैं, उनके बारे में भी बताते हैं।आगे पढ़िए
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सितारगंज में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा का बेटा सौरभ बहुगुणा, बाजपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लालकुआं में पूर्व सीएम हरीश रावत, चकराता में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, हरिद्वार में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, हल्द्वानी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश और काशीपुर में हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा चुनाव मैदान में हैं। इस तरह ये सीटें न सिर्फ हाईप्रोफाइल हैं, बल्कि यहां धनबल के दुरुपयोग की भी आशंका है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने यहां टीमें सक्रिय की हुई हैं। तमाम सख्ती के बावजूद चुनाव में पैसे और शराब से वोटरों को लुभाने की कोशिशें भी लगातार की जा रही हैं। इस बात को आप ऐसे समझ सकते हैं कि साल 2017 में निर्वाचन आयोग ने छह करोड़ 85 रुपये कीमत की शराब व कैश पकड़े थे। जबकि 2019 में सात करोड़ 31 लाख रुपये पकड़े गए थे। इस बार पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए। इस बार अब तक 12 करोड़ 27 लाख रुपये कीमत की शराब व कैश बरामद किया जा चुका है। तीन करोड़ दस लाख रुपये कीमत की शराब, चार करोड़ 70 लाख रुपये कीमत की ड्रग्स के साथ ही साढ़े तीन करोड़ कैश भी पकड़ा गया। अभी चुनाव में कुछ दिन बाकी है, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।