उत्तराखंड देहरादूनBrijbhushan Gairola to contest from Doiwala seat

डोईवाला सीट से पूर्व CM त्रिवेंद्र की साख दांव पर, क्या गैरोला लगा सकेंगे विजय तिलक?

डोईवाला से बृजभूषण गैरोला को टिकट देकर बीजेपी ने स्थानीय दावेदारों के असंतोष को थामा, साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को नया दायित्व भी दे दिया।

Brijbhushan Gairola: Brijbhushan Gairola to contest from Doiwala seat
Image: Brijbhushan Gairola to contest from Doiwala seat (Source: Social Media)

देहरादून: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का गढ़ कही जाने वाली डोईवाला सीट से बीजेपी ने इस बार बृजभूषण गैरोला को मैदान में उतारा है। इस सीट से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तीन बार विधायक रहे। इस बार भी उनके चुनाव लड़ने की उम्मीद थी, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत पीछे हट गए। जिस वजह से इस सीट पर बीजेपी के लिए असमंजस की स्थिति बनी रही। डोईवाला से कभी सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय सिंह रावत तो कभी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत को टिकट मिलने की खबरें उड़ीं, लेकिन बाजी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मारी। बगावत के डर से पार्टी ने त्रिवेंद्र के समर्थक बृजभूषण गैरोला को मैदान में उतारा। अब गैरोला को मिल रही चुनावी चुनौती को आसान बनाने की जिम्मेदारी त्रिवेंद्र के कंधों पर भी है। गैरोला को टिकट देकर बीजेपी ने स्थानीय दावेदारों के असंतोष को थामने के साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को नया दायित्व भी दे दिया है।

ये भी पढ़ें:

इस तरह भले ही त्रिवेंद्र चुनाव नहीं लड़ रहे, लेकिन वो अपरोक्ष रूप से चुनावी समर में बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद त्रिवेंद्र ने पैनल के लिए संभावित दावेदारों के जो नाम दिए थे, उनमें एक नाम बृजभूषण गैरोला का भी था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े गैरोला पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी रहे हैं और त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजदीकी माने जाते हैं। उधर कांग्रेस ने इस सीट पर गौरव चौधरी को टिकट दिया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने स्थानीय और नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। जिससे डोईवाला की चुनावी जंग बहुत दिलचस्प हो गई है। इस जंग में त्रिवेंद्र सिंह रावत की भूमिका अहम मानी जा रही है। लगातार चार चुनाव जीत चुकी बीजेपी के सामने अब अपने इस दुर्ग को बचाने की चुनौती है।