देहरादून: दिल्ली मॉडल के आधार पर लुभावने वादे कर आम आदमी पार्टी उत्तराखंड के सियासी किले को भेदने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने छह ऐसे लोगों को टिकट दिया है, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। इनके खिलाफ अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की सूचना आम आदमी पार्टी ने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से जारी की है। चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत आप ने सबसे पहले अपने छह आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों के बारे में सार्वजनिक रूप से बताया है। साथ ही इन्हें चुने जाने की वजह भी बताई है। आप ने चमोली की थराली सीट से गुड्डू राम को टिकट दिया है, उन पर 2021 से मुकदमा चल रहा है। घाट आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका के चलते आप ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने देहरादून कैंट में रविंद्र सिंह आनंद पर 2017 में दर्ज केस की जानकारी भी उजागर की है। टिकट देने की वजह यह बताई गई है कि वह किसान हैं और गरीब बेटियों की शादियां कराते हैं। आगे पढ़िए
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कोटद्वार सीट से प्रत्याशी अरविंद कुमार पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे की जानकारी देते हुए पार्टी का कहना है कि कोविड-19 महामारी में जनता के बीच काम करने के दौरान उन पर यह केस दर्ज हुआ है। काशीपुर में दीपक बाली पर दर्ज मुकदमे की जानकारी देते हुए आप ने कहा है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम कर रहे हैं, इस वजह से उन्हें चुना गया है। रामनगर सीट से प्रत्याशी शिशुपाल सिंह रावत पर दर्ज मुकदमे की जानकारी देते हुए बताया गया कि इस पर स्टे है। शिशुपाल के चयन की वजह वंचित वर्ग के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देना बताई गई है। इसी तरह पौड़ी सीट पर मनोहर लाल पहाड़ी पर 2017 में केस दर्ज हुआ था। हालांकि यह केस आरपी एक्ट में दर्ज है। बता दें कि दागियों को लेकर चुनाव आयोग ने कठोर नियम बनाए हैं। इसके तहत चुनाव प्रचार अभियान के दौरान प्रत्याशी को तीन बार अपने क्रिमिनल केस की जानकारी न्यूज पेपर और टीवी के माध्यम से प्रसारित करनी होगी। दलों को भी अपने सभी प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी वेबसाइट, सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।