उत्तराखंड देहरादूनLeaders started rebelling in Uttarakhand Congress

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: अब कांग्रेस से उठे बगावत के सुर, डैमेज कंट्रोल में जुटे बड़े नेता

कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही अन्य दावेदारों के विरोधी स्वर हुए बुलंद, रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए रवाना हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश

uttarakhand assembly elections: Leaders started rebelling in Uttarakhand Congress
Image: Leaders started rebelling in Uttarakhand Congress (Source: Social Media)

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के बाद आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने भी विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार की देर रात को 53 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है। प्रत्याशियों की सूची बाहर आते हैं कांग्रेस पार्टी में भी बगावत के स्वर उठने लगे हैं। तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने पहले ही बगावत की आशंका को देखते हुए और संतुष्ट को मनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड में भेज दिया है। जी हां, मोहन प्रकाश रविवार को पार्टी महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी के साथ मिलकर पार्टी के सभी और संतुष्टों के साथ बातचीत करने में जुटे हुए हैं और उनको मनाने में लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने 26 जिला अध्यक्ष उनके साथ तमाम उन लोगों से फोन पर बातचीत की जिन को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है और जो बगावत के सुर बुलंद कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने उन लोगों से भी बात की जिनका नाम पहली सूची में शामिल है। शनिवार को कांग्रेस की पहली सूची जारी होते ही प्रदेश में तमाम जिलों से बगावती सुर उठने लगे और विरोध की खबरें आने लगीं। विरोध के यह सुर और तेज होते इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी संभल गई और पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश को उत्तराखंड भेज दिया। बता दें कि अभी प्रदेश स्तरीय सभी नेता दिल्ली में डेरा जमाए हुए बैठे हुए हैं। तो वहीं कुछ जगहों पर टिकट की आस लगाए दावेदारों ने मीडिया के सामने प्रस्तुत होकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। आगे पढ़िए

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गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य को टिकट नहीं मिली जिसके बाद वे बेहद आहत हैं और उनका कहना है कि बुरे वक्त में वह कांग्रेस के साथ खड़े रहे लेकिन अब कांग्रेस ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया है जिसने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तो वहीं हरिद्वार में भी महेश प्रताप राणा, वरुण बालियान, संजीव चौधरी आदि ने अपना विरोध दर्ज कराया है। घनसाली सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक भीम लाल आर्य ने खुले तौर पर बगावत शुरू करते हुए पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।विधानसभा सीट पौड़ी से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद पार्टी में विरोध हो रहा है। पूर्व जिला अध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य तामेश्वर आर्य ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। तो वहीं कांग्रेस महिला प्रदेश महामंत्री व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

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कुल मिलाकर कांग्रेस में भी भारतीय जनता पार्टी की तरह ही टिकट न मिलने से कई दावेदार आहत हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश का कहना है कि टिकट जारी होते ही छिटपुट विरोध होना स्वभाविक है और हम लगातार सभी जिला अध्यक्षों से बात कर रिपोर्ट ले रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि जो असंतुष्ट हैं उनसे बातचीत कर उनको मना लिया जाए। इसके अलावा जिन को भी टिकट दिया गया है उनसे भी बातचीत की जा रही है। यदि कहीं कोई दिक्कत है तो पार्टी उसका समाधान निकालेगी। इसके अलावा जिन को टिकट नहीं मिला है वह निराश ना हों क्योंकि सरकार बनने पर सभी लोगों को पार्टी संगठन और सरकार में शामिल किया जाएगा। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि यह संवैधानिक बाध्यता है कि एक सीट पर एक ही को टिकट दिया जा सकता है। जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाया है वे नाराज ना हों। सरकार बनने पर ऐसे सभी लोगों को सरकार में ही एडजस्ट कर लिया जाएगा। उन्होंने सभी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि इस बार कांग्रेस के चुनाव जीतने के चांस पूरे हैं। ऐसे में विरोध करने की बजाय पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस चुनाव को सफल बनाएं।