उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand weather report rain and snowfall alert

ठंड से ठिठुरेगा पूरा उत्तराखंड, बर्फबारी कोहरा और शीतलहर का अलर्ट जारी

चमोली समेत ज्यादातर पर्वतीय जिलों में मौसम खराब बना हुआ है। 21 जनवरी से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। जिससे एक बार फिर बारिश-बर्फबारी के आसार बन रहे हैं।

Uttarakhand weather report: Uttarakhand weather report rain and snowfall alert
Image: Uttarakhand weather report rain and snowfall alert (Source: Social Media)

देहरादून: ठंड से राहत की राह देख रहे लोगों के लिए एक दिल तोड़ने वाली खबर है। मौसम एक बार फिर बदलाव की ओर है। अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग की मानें तो 21 जनवरी से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। जिससे मौसम का मिजाज फिर बदलेगा। पश्चिमी विक्षोभ के असर से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 21 से 23 जनवरी तक बारिश के साथ बर्फबारी होने की संभावना है। पर्वतीय इलाकों की बात करें तो यहां मंगलवार से मौसम बदल गया है। चमोली समेत कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी भी हुई। देहरादून में आज सुबह धूप खिली, लेकिन बाद में मौसम फिर खराब हो गया। रुद्रप्रयाग के ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी हुई है। जिससे राज्यभर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। पहाड़ से आ रही ठंडी हवाएं मैदानों में भी ठिठुरन बढ़ा रही हैं। मैदानी इलाकों में कोहरा और बादल छाए हुए हैं।

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उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ जैसे जिलों में बारिश के साथ ही तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर बर्फबारी होने की पूरी संभावना है। राजधानी दून व आसपास के इलाकों में आसमान में बादल छाए रहेंगे। इससे जबरदस्त ठंड रहेगी। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। 21 से लेकर 23 जनवरी तक मैदानी क्षेत्रों में राजधानी दून समेत तमाम जिलों में झमाझम बारिश हो सकती है। वहीं कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में बारिश के साथ जोरदार बर्फबारी के आसार हैं। हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जनपद में 21 व 22 जनवरी को हल्की से मध्यम बरसात होने की संभावना है। मैदानी इलाकों में शीत लहर और घने कोहरे के आसार हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को 23 जनवरी तक सब्जियों व अन्य फसलों पर कीटनाशकों व उर्वरकों का प्रयोग न करने और गेहूं, गन्ना, सरसों, मटर, आलू और चारा फसलों की सिंचाई न करने की सलाह दी है।