नैनीताल: Uttarakhand Vidhan Sabha Elections में तीसरा सियासी विकल्प बनने का दावा कर रही आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है। जगह-जगह 300 यूनिट बिजली देने की घोषणा से जुड़े केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड बांटे जा रहे हैं। अब आप के इस चुनावी वादे पर विवाद शुरू हो गया है। इसे लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें याचिकाकर्ता ने आप पार्टी द्वारा लिखित में कराए जा रहे रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह असंवैधानिक बताया। साथ ही कहा कि पार्टी का यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है। इस पर आदर्श आचार संहिता के अंतगर्त रोक लगाई जाए। बीते दिन नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 8 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
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आम आदमी पार्टी के फ्री बिजली देने की घोषणा को लेकर देहरादून, विकासनगर निवासी संजय जैन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। संजय जैन पूर्व में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रह चुके है। याचिका में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश में 300 यूनिट बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है। लिखित में रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है, जो कि पूरी तरह असंवैधानिक है। इस तरह के गारंटी कार्ड भराना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है। बिना सरकार के जनता को गारंटी देना, सरासर धोखा है। याचिकाकर्ता ने इस पर रोक लगाने की मांग की। संजय जैन ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड और आम आदमी पार्टी के अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया है। इस मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। देखना है कि Uttarakhand Vidhan Sabha Elections से पहले AAP इससे कैसे डील करती है।