चमोली: वैसे तो एडवेंचर प्रेमियों को ट्रैकिंग खूब पसंद है मगर कभी-कभी यह रोमांच जानलेवा साबित होता है। जी हां, एडवेंचर के चक्कर में कई लोग अपनी कीमती जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं। उत्तराखंड में भी कई ट्रैकर्स बाहरी राज्यों से मुश्किल और चुनौतीपूर्ण रास्तों पर ट्रैकिंग के लिए आते हैं। इसमें कई बुजुर्ग भी शामिल होते हैं। वे अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर कठिन ट्रैक्स पर ट्रैकिंग के लिए चले जाते हैं। ऐसा ही एक ग्रुप उत्तराखंड में ट्रैकिंग करने मुंबई से आया था जिसमें से एक बुजुर्ग ट्रैकर की मृत्यु हो गई है। हादसा चमोली जिले से सामने आया है। जी हां, बीती देर रात एसडीआरएफ को सूचना मिली कि सतोपंथ मार्ग पर एक बुजुर्ग ट्रैकर की मौत हो गयी है। सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ टीम मौके के लिए रवाना हुई। सतोपंथ मार्ग पर लक्ष्मीवन के पास थाने से लगभग 12 से 13 किलोमीटर दूर ट्रैकर की मौत हुई थी। एसडीआरएफ टीम ने लगभग 25 किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र पैदल चलकर शव को मुख्य मार्ग तक पहुंचाया और पुलिस के सुपर्द किया।
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बताया जा रहा है कि ट्रैकिंग के दौरान बुजुर्ग की तबीयत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई। ट्रैकिंग के दौरान मरने वाले व्यक्ति की पहचान 60 वर्षीय डेविड के रूप में हुई है, जो मुंबई का निवासी था। डेविड मुंबई के सतोपंथ ट्रैकिंग दल का सदस्य था। वह अपने साथियों के साथ ट्रैकिंग करने चमोली गया हुआ था। डेविड के साथ इस दल में कुल 9 सदस्य शामिल थे, जिन्होंने लक्ष्मीवन के पास कैम्प लगाया हुआ था। रात के समय अचानक ही डेविड का स्वास्थ्य खराब होने लगा और डेविड की मौत हो गई। उसके साथियों ने बताया कि कैम्पिंग स्थल में नेटवर्क न होने के कारण सूचना देने में देरी हुई। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हुई और 25 किलोमीटर पहाड़ी क्षेत्र में पैदल चल कर मृतक के शव को पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मृतक के परिजनों को भी हादसे की सूचना दे दी है।