हरिद्वार: हरीश रावत ने हाल ही में पंजाब में दलित मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद हरिद्वार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया था कि वह भी उत्तराखंड में एक दलित के बेटे को मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं। बस हरीश रावत उसी बयान के बाद से मुसीबत में आ रखे हैं। विपक्ष को तो छोड़ दीजिए उनकी पार्टी के अपने ही नेता हरीश रावत के इस बयान को गलत ठहरा रहे हैं। उस बयान को दिए हुए महज कुछ दिन ही हुए हैं कि एक बार फिर से हरीश रावत विवादों में घिर चुके हैं। उनके एक और ताजा और विवादित बयान पर उत्तराखंड में सियासत शुरू हो चुकी है। हरीश रावत लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. ‘दलित सीएम’ वाले बयान पर प्रतिक्रियाओं का दौर अभी थमा नहीं था कि एक और बयान के कारण भाजपा ने हरदा को निशाना बना दिया। दरअसल हरीश रावत ने पाकिस्तान के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों को लेकर दिए एक बयान में पाकिस्तानी सेना के जनरल को ‘प्रा’ यानी भाई कह कर संबोधित कर दिया था। बस इसी शब्द के पीछे विपक्ष ने हरदा को घेर लिया।
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भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने हरदा के ऊपर निशाना साधते हुए और उनके ऊपर कटाक्ष करते हुए तीखी बातें कहीं। मगर इस बार रावत जी ने पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद अनिल बलूनी को मुंहतोड़ जवाब देने में कोई चूक भी नहीं की। बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने हरदा को घेरते हुए उनके बयान को शर्मनाक बताया था। अनिल बलूनी का कहना था कि जिस देश ने हमारे सैनिकों की जान ली हो आखिर उस देश की सेना के जनरल को हरीश रावत भाई कहकर कैसे संबोधित कर सकते हैं। सांसद अनिल बलूनी ने उनके इस बयान को शर्मनाक बताया था मगर हरीश रावत ने सांसद अनिल बलूनी को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि अपना लेक्चर अपने पास’ रखें। हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तानी सेना जनरल से गले मिलने पर खूब कॉन्ट्रोवर्सी हुई थी और सोशल मीडिया पर नवजोत सिंह सिद्धू को देशद्रोही कहा जा रहा था।नवजोत सिंह सिद्धू के बचाव में हरीश रावत भी कूद पड़े और हरदा ने एक बयान में कह दिया ‘पीएम मोदी यदि नवाज शरीफ से गले मिले, उनके साथ बिरयानी खायी, तो यह देश का काम हुआ और धार्मिक तीर्थस्थल करतारपुर साहिब के रस्ते खोलने के लिए धन्यवाद देते हुए एक पंजाबी सीमा पार के पंजाबी प्रा से गले मिलता है तो उसमें देशद्रोह? यह कैसा डबल स्टैंडर्ड है? "
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वहीं विपक्ष ने हरीश रावत को घेरने का मौका नहीं छोड़ा और बलूनी ने ‘प्रा’ शब्द पर रावत को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘जिस पाकिस्तान और उसकी सेना के हाथ हमारे शहीदों के खून से रंगे हैं, रावत का उन्हें ‘भाई’ कहना शर्मनाक है’। बलूनी ने कटाक्ष पर पलटवार करते हुए और मुंह-तोड़ जवाब देते हुए हरदा ने ट्विटर और फेसबुक पर एक चिट्ठीनुमा बयान फिर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अनिल बलूनी को साफ तौर पर लेक्चर न देने की नसीहत दी। उन्होंने अपने बयान पर पूरी सफाई देते हुए लिखा, ‘बलूनी को मुझे नसीहत देने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिए. मेरे परिवार, रिश्तेदारी-नातेदारी में कई लोग सिपाही से लेकर के ब्रिगेडियर तक सेना में विभिन्न पदों पर सेवा दे चुके हैं, शहीद हो चुके हैं. इसलिए बलूनी अपने लेक्चरों को सुरक्षित रखें।"