देहरादून: हर माता-पिता चाहते हैं, कि उनके बच्चे बड़े होकर खूब तरक्की करें, कुछ ऐसा काम करें कि उन्हें और पूरे समाज को उन पर गर्व महसूस हो। कुछ ऐसी ही खुशी मसूरी में असिस्टेंट कमांडेंट बिटिया को सैल्यूट करते वक्त इंस्पेक्टर पिता कमलेश कुमार को भी महसूस हुई, जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर छाई हुई है। रविवार को इंस्पेक्टर पिता की बेटी दीक्षा ने आईटीबीपी में शामिल होकर देश सेवा की शपथ ली। दीक्षा के अलावा प्रकृति भी असिस्टेंट कमांडेंट बनी हैं। ये मौका इसलिए बेहद खास था, क्योंकि यूपीएससी चयन प्रक्रिया (यूपीएससी की सीएपीएफ एसी परीक्षा) से आईटीबीपी में पहली बार दो महिलाएं अधिकारी बनीं हैं। रविवार को आईटीबीपी अकादमी मसूरी में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की, उन्होंने देश की सेवा कर रहे जवानों को सलाम किया। पासिंग आउट परेड में आईटीबीपी के 53 अधिकारियों ने देशसेवा की शपथ ली। आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट बनने वालों में यूपी की दीक्षा भी शामिल हैं। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: युवाओं के लिए खुशखबरी..5 साल के बाद निकली PCS भर्ती, ऐसे करें आवेदन
उनके पिता कमलेश कुमार इंस्पेक्टर हैं। दीक्षा बताती हैं कि पिता ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, उन्हीं की वजह से वो हर चुनौती को पार कर आईटीबीपी का हिस्सा बन सकीं। दीक्षा को अफसर के तौर पर शपथ लेते देख उनके पिता भावुक हो गए। उन्होंने गर्व से असिस्टेंट कमांडेंट बेटी को सैल्यूट किया। दीक्षा ने कहा कि आईटीबीपी में अधिकारी बनने के बाद उनको जो भी दायित्व दिए जाएंगे, उनका निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करूंगी। पिता ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज मैं अपना सपना पूरा कर पाई हूं। बता दें कि रविवार को 53 जांबाज अफसर आईटीबीपी का हिस्सा बन गए। इनमें उत्तरप्रदेश से 11, राजस्थान से सात, महाराष्ट्र से सात, उत्तराखंड से छह, हरियाणा से छह, कर्नाटक से तीन, बिहार से तीन, लद्दाख से दो, मणिपुर से दो, चंडीगढ़ से दो, पंजाब से एक, तमिलनाडु से एक, केरल से एक और झारखंड से एक अधिकारी शामिल है।