देहरादून: मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाओं के बीच उत्तराखंड के कुछ नेताओं की लॉटरी लग सकती है। इन्हें केंद्र में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। कुछ महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में बीजेपी उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व देकर पहाड़ की जनता को साधने की कोशिश कर सकती है। बीते दिनों उत्तराखंड में महज 4 महीने के भीतर दो बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ। मार्च में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से अचानक इस्तीफा ले लिया गया। उनकी जगह तीरथ सिंह रावत सीएम बनाए गए। अब तीरथ की जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी गई है। जाहिर है प्रदेश सरकार में बार-बार नेतृत्व परिवर्तन से न सिर्फ पार्टी की फजीहत हुई है, बल्कि इसे लेकर जनता के बीच सवाल भी उठ रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुछ और लोगों को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि उसके लिए उत्तराखंड महत्वपूर्ण है। अब मंत्री पद के दावेदारों के बारे में भी जान लेते हैं। इनमें हाल में मुख्यमंत्री पद से विदा किए गए तीरथ सिंह रावत शामिल हैं। आगे पढ़िए
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इसके अलावा राज्यसभा सांसद एवं बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, नैनीताल सांसद अजय भट्ट को भी नई जिम्मेदारी मिल सकती है। मार्च में मुख्यमंत्री पद से हटाए गए त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम भी दावेदारों की लिस्ट में है। माना जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के बीजेपी सांसदों और अन्य नेताओं को केंद्र में जल्द ही मंत्री पद दिए जा सकते हैं। केंद्र में वर्तमान में उत्तराखंड से हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शिक्षा मंत्री हैं। अब राज्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो और पद दिए जाने की चर्चा है। दावेदारों में गढ़वाल सांसद एवं पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत का दावा मजबूत माना जा रहा है। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और सांसद अजय भट्ट को भी नई जिम्मेदारी मिल सकती है। इनके अलावा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में लिए जाने की चर्चा है।