उत्तराखंड रुद्रप्रयागStory of Rudraprayag nurse Aarti Joshi

रुद्रप्रयाग: कोरोना काल में पथरी का दर्द भूली नर्स आरती..संक्रमित मरीजों की सेवा में जुटी

रुद्रप्रयाग के जिला चिकित्सालय में नर्स के तौर पर कार्यरत और दो छोटे बच्चों की मां आरती जोशी की हिम्मत और ड्यूटी के प्रति उनके समर्पण के बारे में जानकर आप भी उनको सैल्यूट करेंगे।

Aarti Joshi Nurse Rudraprayag: Story of Rudraprayag nurse Aarti Joshi
Image: Story of Rudraprayag nurse Aarti Joshi (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: कोरोना काल की शुरुआत से ही हमारे स्वास्थ्य कर्मी लगातार संक्रमित मरीजों की सेवा कर रहे हैं। दिन-रात ड्यूटी करने वाले कोरोना वॉरियर्स के लिए धन्यवाद शब्द भी बेहद छोटा है।अपने परिवार वालों को भूलकर राज्य के स्वास्थ्य कर्मी लगातार अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। जहां एक ओर हम सब अपने परिवार के साथ घर पर सुरक्षित हैं वहीं राज्य के कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी निभा कर यह साबित कर रहे हैं कि दूसरों की सेवा करना ही उनका धर्म है। इस मुश्किल वक्त में उत्तराखंड के स्वास्थ्य कर्मी दूसरों को उम्मीद दे रहे हैं और अपना फर्ज निभा रहे हैं। यहां तक कि वे अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर लगातार ड्यूटी कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम आज आपको रुद्रप्रयाग के जिला चिकित्सालय में कार्यरत नर्स आरती जोशी की हिम्मत और ड्यूटी के प्रति उनके समर्पण के बारे में बताने जा रहे हैं। आरती जोशी जिनकी कर्तव्य के प्रति ईमानदारी और ड्यूटी के प्रति फर्ज देख कर आपकी आंखों से भी आंसू छलक उठेंगे। रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में कार्यरत स्टाफ नर्स आरती जोशी अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर संक्रमित मरीजों की सेवा कर रही हैं। इस वक्त आरती जोशी के ऊपर खुद मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है मगर वे फिर भी अपना फर्ज निभा रही हैं और अस्पताल में ड्यूटी कर रही हैं। दरअसल आरती जोशी पथरी की असहनीय पीड़ा से जूझ रही हैं।

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20 अप्रैल को उनकी पथरी का ऑपरेशन होना तय हुआ था मगर राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने पर उन्होंने अपने ऑपरेशन की डेट को कैंसिल करने का एक हिम्मत भरा फैसला लिया और उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में यह निर्णय लिया कि वे कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा जारी रखेंगी और अपनी ड्यूटी निभाएगी। आरती जोशी पिछले 1 महीने से कोटेश्वर में कोरोना मरीजों की सेवा में जुटी हुई हैं। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को समझा और इस विकट परिस्थिति में उन्होंने अपने स्वास्थ्य के बारे में न सोचते हुए कोरोना से जूझ रहे लोगों की पीड़ा को देखा और अपना ऑपरेशन कैंसिल कर वे कोटेश्वर में ड्यूटी कर रही हैं। आपको बता दें कि जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में तैनात नर्स आरती जोशी दो बेटियों की मां हैं और वे 2019 से जिला अस्पताल में आईसीटीसी डिपार्टमेंट में संविदा नर्स के तौर पर कार्यरत हैं। बता दें कि रुद्रप्रयाग में कोरोना संक्रमण फैल रहा है जिस कारण स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य भी काफी अधिक बढ़ गया है। रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में भी अधिकांश डॉक्टर एवं स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। अस्पताल में कार्यरत नर्स आरती जोशी भी कोरोना काल की शुरुआत से ही लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं। मगर बीते कई दिनों से वे अस्वस्थ चल रही हैं।

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दरअसल आरती जोशी के किडनी में पथरी की समस्या है जिस वजह से उनको काफी पीड़ा रहती है एवं उनकी किडनी में सूजन भी है। बीते 20 अप्रैल को ऋषिकेश के निर्मल अस्पताल में उनकी पथरी का ऑपरेशन होना तय हुआ था जिसके लिए उन्होंने 10 दिन का अवकाश लिया था। मगर स्टाफ की कमी को देखते हुए आरती ने ऑपरेशन कैंसिल कर दिया और वापस ड्यूटी पर लौट आईं। अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पित आरती जोशी ने पथरी की पीड़ा सहने का निर्णय लिया और अब वे कोविड की इस चुनौती में अपनी सेवाएं दे रही हैं। बता दें कि वे अस्पताल में कोविड सैंपलिंग की ड्यूटी कर रही हैं। आरती जोशी ने बातचीत में बताया कि ड्यूटी के कारण उनको अपने बेटियों की देखरेख का समय नहीं मिलता इसीलिए उन्होंने अपनी बेटियों की देखरेख के लिए अपनी मां एवं पिता को रुद्रप्रयाग बुलाया है। उनका कहना है कि इस समय समस्त उत्तराखंड इस महामारी से जूझ रहा है और स्वास्थ्य कर्मियों की भी कमी है। ऐसे में वे अवकाश पर नहीं जा सकती हैं। जब राष्ट्र इतनी बड़ी महामारी से गुजर रहा है तो वे भी कुछ दिन पथरी की पीड़ा को सहन कर सकती हैं इसलिए उन्होंने अपनी ऑपरेशन की डेट को कैंसिल कर दिया है और वे वापस ड्यूटी पर लौट आईं हैं। आरती जोशी ने बताया कि इन दिनों वे कोविड सैंपलिंग की ड्यूटी कर रही हैं।