उत्तराखंड देहरादूनNegligence of doctors in Doon Hospital

देहरादून: मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव..फिर भी मौत की वजह बताई गई कोरोना

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने मरीज की दोबारा कोविड जांच तक नहीं कराई। मौत के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अगर पहले जांच कराई गई होती, तो शायद मरीज की जान बच जाती।

Coronavirus in uttarakhand: Negligence of doctors in Doon Hospital
Image: Negligence of doctors in Doon Hospital (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना से पूरा प्रदेश जंग लड़ रहा है। हर दिन हजारों लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, सैकड़ों लोग जान गंवा रहे हैं। हालात नाजुक बने हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद अस्पतालों की लापरवाही कम नहीं हो रही। हरिद्वार के एक अस्पताल ने जहां 65 कोरोना मरीजों की मौत की सूचना छिपाई तो वहीं देहरादून में कोरोना वार्ड में भर्ती एक मरीज की मौत के बाद उसकी मौत की वजह कोरोना बता दी गई, जबकि मृत देह की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। ये सब जिस मरीज के साथ हुआ, वो स्वास्थ्य महानिदेशालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद से रिटायर हुए थे। मामला दून अस्पताल से जुड़ा है। अस्पताल प्रशासन को भेजे गए एक लेटर में मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में शिमला बाईपास निवासी हरि दर्शन बिष्ट ने बताया कि उनके बहनोई एसएस रावत स्वास्थ्य महानिदेशालय से दो साल पहले रिटायर हुए थे। बीते 16 अप्रैल को उन्हें पेट में दर्द की शिकायत हुई। आगे पढ़िए

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एक निजी अस्पताल में जांच हुई तो पता चला कि उन्हें अपेंडिसाइटिस की समस्या है। इस बीच उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। पहले वो होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे थे, लेकिन जब तबीयत बिगड़ने लगी तो 23 अप्रैल को उन्हें दून हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां शुक्रवार को उनकी मौत हो गई..परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में मरीज की मौत की वजह कोरोना बताई गई है, जबकि मृत देह की जांच रिपोर्ट नेगेटिव है। दून अस्पताल वालों ने 21 दिन की अवधि में उनकी दोबारा कोरोना जांच तक नहीं कराई। वो कोविड वार्ड में एडमिट थे, इसलिए उनके बारे में पूरी जानकारी भी नहीं मिल पा रही थी। अब उनके शव की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अगर समय पर जांच होती तो शायद वो बच जाते। वहीं दून अस्पताल के अधीक्षक केसी पंत का कहना है कि संक्रमित की रिपोर्ट 14 दिन बाद कोई लक्षण नहीं होने पर नेगेटिव आ सकती है। फिलहाल मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी।